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भगवान मूर्ति में नहीं अपितु मूर्तिमय हैं जो विश्वास एवं श्रद्धा से प्रकट होते हैं -अर्द्धमौनी

Moradabad News - मुरादाबाद। नया मुरादाबाद स्थित महाकालेश्वर मंदिर में तिरुपति बालाजी के चतुर्थ स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गणेश जी के विग्रह की प

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादWed, 27 Nov 2024 07:24 PM
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नया मुरादाबाद स्थित महाकालेश्वर मंदिर में तिरुपति बालाजी के चतुर्थ स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गणेश जी के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा व भोजन का आयोजन भी किया गया। इस दौरान कथा व्यास व प्रांत प्रमुख मंदिर अर्चक-पुरोहित श्रद्धेय धीरशांत दास अर्द्धमौनी ने बताया कि भगवान को मात्र मूर्ति नहीं समझना चाहिए। मूर्तिकार के घर तक यह मूर्ति होती है किन्तु जैसे ही प्राण प्रतिष्ठा होती है यह श्रीविग्रह हो जाती है। कृष्ण की लीलाएं तो आनंद से भरी हैं, ज्ञानी को ब्रह्म-साक्षात्कार के आनंद से आकर्षित कर और उस पर विजय प्राप्त कराती है। कृष्ण के पवित्र नाम, उनके शरीर और उनकी लीलाओं को कुंद भौतिक इंद्रियों द्वारा नहीं समझा जा सकता है। वे स्वतंत्र रूप से प्रकट होते हैं। कृष्ण का पवित्र नाम, दिव्य गुण और दिव्य लीलाएं सभी स्वयं भगवान कृष्ण के समान हैं। वे सभी आध्यात्मिक और आनंद से भरे हुए हैं। भौतिक इंद्रियां कृष्ण के पवित्र नाम, रूप, गुणों और लीलाओं की सराहना नहीं कर सकती हैं। जब एक बद्ध आत्मा कृष्ण भावनामृत के प्रति जागृत होती है और अपनी जीभ का उपयोग करके भगवान के पवित्र नाम का जप करती है और भगवान के भोजन के अवशेषों का स्वाद लेती है, तो जीभ शुद्ध हो जाती है, और व्यक्ति को धीरे-धीरे समझ में आता है कि कृष्ण वास्तव में कौन हैं। भगवान कृष्ण की लीलाओं की मधुरता, जो आनंद से भरी हुई हैं, ज्ञानी को ब्रह्म बोध के आनंद से आकर्षित करती हैं और उन्हें जीत लेती हैं।

इस ब्रह्मांड के भीतर सभी अशुभ चीजों को पराजित करता है। यद्यपि शुकदेव महाराज प्रारंभ में वे ब्रह्म साक्षात्कार के सुख में लीन थे और एकांत स्थान में रह रहे थे, अन्य सभी प्रकार की चेतना को त्याग कर, वे भगवान श्री कृष्ण की सबसे मधुर लीलाओं से आकर्षित हो गए। इसलिए उन्होंने दयालुता से सर्वोच्च पुराण की बात की, जिसे श्रीमद-भागवत के नाम से जाना जाता है, जो परम सत्य का उज्ज्वल प्रकाश है और जो भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है। इस अवसर पर सुरेश चंद्र अग्रवाल, महेश चंद्र अग्रवाल, विमला अग्रवाल, मेयर विनोद अग्रवाल, राजेश रस्तोगी, मनोज रस्तोगी, रजनीश अग्रवाल, जूही अग्रवाल, मनीषा अग्रवाल, कुलीन अग्रवाल, ओमप्रकाश गोयल, रामजी राम, आचार्य गणेशानन्द, सपना चौधरी, आदि मौजूद रहे।

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