प्रभु यीशु मसीह ने दुश्मन से भी प्रेमभाव रखने का दिया संदेश
मसीह समाज के चल रहे पवित्र यानि दुख-भोग सप्ताह के तहत गुरुवार को अंतिम भोज दिवस मनाया गया। इसी दिन प्रभु यीशु मसीह ने बलिदान से पहले आखिरी बार भोजन ग्रहण किया था। उन्होंने दुश्मनों से भी प्रेम भाव का...
मसीह समाज के चल रहे पवित्र यानि दुख-भोग सप्ताह के तहत गुरुवार को अंतिम भोज दिवस मनाया गया। इसी दिन प्रभु यीशु मसीह ने बलिदान से पहले आखिरी बार भोजन ग्रहण किया था। उन्होंने दुश्मनों से भी प्रेम भाव का प्रदर्शन कर लोगों को नेकी राह पर चलने की नसीहत दी थी।फिलिप मेमोरियल मैथोडिस्ट चर्च के पादरी ब्रिजेश मैंसल एवं रोहित मैसी ने प्रार्थना की। उन्होंने बाईबिल का संदेश सुनाया। बताया कि यहूदी समाज के लोग फसा पर्व मना रहे थे। इसी समय प्रभु यीशु मसीह भी मौके पर पहुंच गए। सभी के पैर धोए, इनमें वह व्यक्ति भी शामिल था जो उन्हें पकड़वाने की साजिश रच रहा था। प्रभु ने बिना भेदभाव उसके भी पैर धोए। सभी को मांस आदि नहीं खाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने शिष्यों को भी आज्ञा दी की तुम जब-जब भी एकत्र हो मेरी याद में ऐसा ही किया करना। फसह का मेम्मा खुद बनकर शुभ शुक्रवार को अपने आपको क्रूस पर बलिदान कर दिया। तभी से प्रभु की आज्ञा का पालन करते हुए इस दिवस को प्रभु भोज के रूप में मनाया जाता है। आखिर में लोग मैदा की छोटी छोटी रोटी और किशमिश का रस बनाते हैं। प्रार्थना के बाद इसे ग्रहण करते हैं। इस प्रार्थना को फेसबुक पर भी देखा और सुना गया। सेंट एंथोनी चर्च के फादर बर्नार्ड और सचिव विनोद चरन, ओल्ड मैथोडिस्ट के पास्टर इंचार्ज डेनियल मसीह और जार्डन होम चर्च में पादरी पॉल सारस्वत सहित अन्य चर्चों के पादरी गणों ने अपने अपने घरों में ऐसी ही प्रार्थनाएं कराईं गईं।
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