हद है! एक प्लेट में खा रहे पांच बच्चे, शौचालय में दरवाजे नहीं
कागजों में बच्चों को हर सुविधा मिल रही है लेकिन जमीनी स्तर उन्हें बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति विद्यालय में पांच छात्र एक ही प्लेट में खाते हैं। यहां शौचालय...
कागजों में बच्चों को हर सुविधा मिल रही है लेकिन जमीनी स्तर उन्हें बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति विद्यालय में पांच छात्र एक ही प्लेट में खाते हैं। यहां शौचालय में दरवाजे तक नही हैं। इसका खुलासा बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. विशेष कुमार गुप्ता के निरीक्षण में हुआ। उन्होंने इस विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। शासन को इसकी रिपोर्ट भी भेजी जाएगी।
उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में समाज के कमजोर और गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं। शासन की ओर से उन्हें आवासीय सुविधा दी जाती है। बावजूद इसके यहां बच्चे अव्यवस्थाओं और गंदगी में रहने को मजबूर हैं। इस विद्यालय में किसी भी शौचालय में दरवाजे नही हैं। यहां रोशनी की व्यवस्था भी नहीं की गई है। बच्चों के जरूरत के सामान जिस कमरे में रखे हैं, वहां दीमक लगा हुआ है। कोई साफ-सफाई नहीं है। कम्प्यूटर लैब में कोई शिक्षक नहीं है। गुरुवार को 313 पंजीकृत बच्चों में से यहां 249 बच्चे उपस्थित थे। एक प्लेट में पांच-पांच बच्चे खा रहे थे। प्रभारी प्रधानाचार्य नरेंद्र सिंह के पास इसका कोई जवाब नहीं था। यहां के नागरिक शास्त्र के शिक्षक को समाज कल्याण विभाग में अटैच कर दिया गया है। इस विषय को पढ़ाने वाला यहां कोई नहीं है। चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी भी विभाग में ही अटैच है। स्कूल की बदहाली की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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