सख्ती:ऑनकॉल डॉक्टरों पर एनएमसी की तलवार लटकी
स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले ऑनकॉल डॉक्टरों के खिलाफ एनएमसी से मदद मांगी है। चार डॉक्टरों की शिकायत एनएमसी को भेजी गई है। ये डॉक्टर एक से ज्यादा अस्पतालों में सेवाएं देते हैं...
जनपद में मरीजों की सेहत से खिलवाड़ होने का सबब बन रहे ऑनकॉल डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) से मदद मांगी है। विभाग ने जनपद में कार्यरत दर्जन भर ऑनकॉल डॉक्टरों को चिन्हित किया है, जिनमें से चार डॉक्टर्स का कच्चा-चिट्ठा एनएमसी को भेज दिया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर कुलदीप सिंह ने इसकी पुष्टि की। बताया कि जिले में कार्यरत चार विशेषज्ञ डॉक्टरों की लिखित शिकायत एनएमसी को भेजी है। ऑनकॉल डॉक्टर के तौर पर पंजीकृत होने के चलते इन विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा इस व्यवस्था का दुरुपयोग किए जाने की बात सामने आई है। जिसके चलते उनके द्वारा इलाज करा रहे कई मरीजों की जान खतरे में पड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ऑनकॉल डॉक्टरों के विरुद्ध किस तरह से कार्रवाई की जा सकती है? एनएमसी से इस बारे में गाइड लाइन देने का अनुरोध किया है। जल्द ही कुछ और ऑनकॉल डॉक्टरों की लिखित शिकायत एनएमसी को भेजी जाएगी।
यूं मरीजों की सेहत से खेल रहे ऑनकॉल डॉक्टर
मुरादाबाद। ऐसे स्पेशलिस्ट ऑनकॉल डॉक्टर की श्रेणी में आते हैं जो एक से ज्यादा अस्पतालों में अपनी सेवाएं देते हैं। नियमानुसार, किसी स्पेशलिस्ट को ऑनकॉल डॉक्टर के तौर पर अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने की अनुमति है। वह एक से ज्यादा अस्पतालों में सेवाएं देने को पंजीकरण करा सकता है। सीएमओ डॉ.कुलदीप सिंह ने बताया कि ऑनकॉल डॉक्टर जिन अस्पतालों में कार्यरत हैं उनकी आपस में दूरी कम से कम होनी चाहिए, लेकिन मुरादाबाद में कार्यरत ऑनकॉल डॉक्टरों के दूसरे जिलों और मंडल में सेवाएं देने की बात सामने आई है। ऐसे में अपने अधीन उपचाराधीन मरीजों को जरूरत पड़ने पर वह समय से संबंधित अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। समय से चिकित्सकीय मदद नहीं मिलने के चलते हालत बिगड़ने पर मरीज जान से भी हाथ धो रहे हैं। एनएमसी ऐसे डॉक्टरों की जांच करके उनका पंजीकरण निरस्त कर सकता है।
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