विभीषण को मिला राज, राम को मिले भरत
मुरादाबाद के पुराना दसवां घाट पर चल रही रामलीला में विभीषण का राज तिलक और राम-भरत मिलाप का मंचन हुआ। विभीषण ने रावण का अंतिम संस्कार कर राम को शीश नवाया। राम ने लक्ष्मण के साथ विभीषण का राज तिलक किया...
मुरादाबाद। पुराना दसवां घाट पर चल रही रामलीला में विभीषण राज तिलक और भरत मिलाप का मंचन किया गया। दर्शाया गया कि विभीषण रावण का अंतिम संस्कार कर लौटे और राम को शीश नवाया। राम ने लक्ष्मण के साथ वानरराज सुग्रीव,अंगद, नल,नील जामवंत और मरुति को विभीषण का राज तिलक करने के लिए भेजा। सभी राज तिलक कर लौटे। इसके बाद राम अयोध्या आते हैं। जहां उनका भरत से मिलाप का मंचन किया जाता है। पूरा अयोध्या जश्म में डूब जाता है। सभी श्री राम के दर्शन को अतुर नजर आते हैं। व्यवस्था में यथार्थ किशोर, छत्र पाल सिंह, आदित्यवीर शास्त्री, राजेश, ओमाशंकर, रवि सैनी, अरुण श्रीमाली, धर्मेंद्र यादव, मोहन यादव, ब्राह्मानंद आदि शामिल रहे।
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