भगवान शिव एक लोटा गंगाजल से प्रसन्न हो जाते : सत्यदेवानंद
Moradabad News - कांठ के नवादा स्थित श्री झाड़ नागराज मंदिर में पांच दिवसीय शिव कथा के तीसरे दिन आचार्य सत्यदेवानंद ने भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने विष का सेवन किया था और उनकी आराधना...

कांठ। ग्राम नवादा स्थित श्री झाड नागराज मंदिर पर पांच दिवसीय शिव कथा के तीसरे दिन विख्यात कथावाचक आचार्य सत्यदेवानंद ने अपने प्रवचन में अमृत वर्षा करते हुए कहा कि समुद्र मंथन से भगवान शिव ने विष का सेवन संसार को बचाने के लिये किया था। यदि इस विष की एक बूंद भी धरती पर गिर जाती तब संसार नष्ट हो सकता था। उन्होंने कहा कि भगवान शिव सबसे पूर्व तमिलनाडु में अरुणाचलेश्वर में प्रकट हुए थे। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को शीतल प्रदार्थ अधिक प्रिय है। भक्ति भाव में कुछ चढ़ाया जा सकता है लेकिन भगवान शिव एक लोटा गंगाजल से प्रसन्न हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि विष की गर्मी का ताप कम करने के लिए उन्होंने कैलाश पर्वत पर निवास स्थान बनाकर मस्तक पर चंद्रमा धारण कर लिया था। उन्होंने कहा कि भगवान गणपति, सूर्य, भगवान विष्णु, भगवान शिव एवं मां दुर्गा की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि दुर्गा शक्ति का रूप हैं। यह शक्ति प्रत्येक महिला में विराजमान है। उन्होंने कहा कि कोई वस्तु वह मानव ऐसा नहीं है जिसके हृदय में भगवान शिव नहीं विराजमान है। उन्होंने कहा कि हमें भगवान शिव की आराधना करने के साथ मंदिर की स्वच्छता रखनी चाहिए। उन्होंने बताया कि नर्मदा नदी में प्रत्येक पत्थर में भगवान शिव विराजमान है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जीवन में दया का भाव होना चाहिए जीवन पर दया नहीं करने वाला व्यक्ति मानव की श्रेणी में नहीं आता है। इस मौके पर स्वामी अशोका नन्द, श्री झाड़ वाले मंदिर के महंत स्वामी विजयानन्द, स्वामी मुक्तानंद जी, मास्टर धर्मपाल सिंह बिश्नोई,आकाश बिश्नोई, चंद्रपाल सिंह, मुनिराज सिंह, राजीव कुमारबिश्नोई, नितिन बिश्नोई, हैप्पी विश्नोई आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
फोटो कांठ 3 कथा व्यक्त करते आचार्य सत्यदेवानंद
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