कण-कण में मौजूद प्रभु हैं निराकार : ढींगरा
Moradabad News - संत निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन हुआ, जिसमें प्रचारक मनुज ढींगरा ने ईश्वर की निराकारता और ब्रह्मज्ञान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि सतगुरु ज्ञान की रोशनी से अज्ञानता को दूर करते...
संत निरंकारी सत्संग भवन पर संगत को निहाल करते हुए प्रचारक मनुज ढींगरा ने कहा कि ईश्वर कण-कण में मौजूद है और निराकार है। संत निरंकारी सत्संग भवन पर मासिक साधसंगत का आयोजन हुआ। प्रचारक मनुज ढींगरा ने सतगुरु के उपदेशों को संगत के समक्ष रखते हुए कहा कि पूर्ण सतगुरु ईश्वरीय परमसत्ता का बोध ब्रह्मज्ञान द्वारा कराता है। ईश्वर को अनेक नामों से जाना जाता है, जो प्रकृति के कण-कण में व्याप्त है। प्रभु निराकार है। सारे आकार, रूप और अस्तित्व इसी में से आते हैं। गीता, रामायण, कुरान और बाईबल भी यही इशारा करते हैं। सतगुरु ज्ञान की रोशनी देकर अज्ञानता का अंधेरा दूर करता है। गुरसिख जीवनभर सीखता रहता है और सभी के साथ विनम्रता से व्यवहार करता है तथा वह निंदा से दूर रहता है। मुखी ब्रह्म प्रकाश गुप्ता ने कहा कि सतगुरु हमारा सच्चा मित्र होता है।
सेवादल संचालक डॉ. रामकुमार ने कहा कि रामशरण में जाने से सच्चा सुख मिलता है। मंच संचालन नरेश चंचल ने किया। संगत रघुनाथ सिंह, सेवादल शिक्षक राकेश कश्यप, हरपाल सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक कुमार, चंद कौशिक, राकेश कुमार, हेमेंद्र प्रताप सिंह, देवेंद्र नागपाल, ओमप्रकाश सिंह, सुभाष कुमार, मंजीत सिंह, मुकेश चौहान, वंदना चौहान, सुनीता अग्रवाल, ईसम देवी, निशा, निधि चौहान आदि मौजूद रहे।
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