पति व्रत धर्म ही है सर्वोपरि: शिव शंकर
Moradabad News - शिव मंदिर बच्चा बाग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन, आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने गोवर्धन भगवान का प्रभावी प्रसंग सुनाया। गोकुलवासियों की रक्षा के लिए श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया। कथा...

नगर के शिव मंदिर बच्चा बाग में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने गोवर्धन भगवान का प्रसंग बड़े ही प्रभावी ढंग से सुनाया। गोवर्धन भगवान को 56 प्रकार के भोग अर्पित किए गए और उनसे सदैव रक्षा करने की प्रार्थना की गई। कथा प्रसंग में सुनाया कि गोकुल वासियों से इंद्र कुपित हो गए ,तब उन्होंने सबक सिखाने की ठानी और अतिवृष्टि के रूप में प्रकोप आरंभ कर दिया, ऐसे में गोकुल वासी परेशान हुए तब उन्होंने भगवान कृष्ण से सुरक्षा करने की विनती की, तब श्री कृष्ण ने अपनी एक उंगली पर ही गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुल वासियों के ऊपर छाते की तरह तान दिया और उनकी सुरक्षा की।
तब से गोवर्धन की पूजा होने लगी, आज बड़ी संख्या में गोवर्धन की परिक्रमा की जाती है। कहते हैं कि देवलोक से देवात्माएं भी विभिन्न वेश धारण कर गोवर्धन भगवान की परिक्रमा कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करते हैं। इसके उपरांत श्री कृष्ण का गोपियों के संग यमुना किनारे महारास लीला का बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन किया। कथा प्रसंग के माध्यम से कहा कि पत्नी के लिए पति ही उसका परमेश्वर है उसका सच्चे मन से आदर और सेवा करनी चाहिए क्योंकि उनके लिए पतिव्रत धर्म ही सर्वोपरि है। रानी मीराबाई में रानी बनने के बाद भी उनमें सतोगुण प्रधान रहा और उन्होंने कृष्ण जी को ही अपना पति मान लिया, परिवार और समाज में उनका जितना विरोध होता गया, वह उतनी ही श्री कृष्ण के निकट होती गई। कथा में सीतांशु दीक्षित,मुन्ना श्रोत्रिय, मोहन लाल शर्मा,कुलदीप सक्सेना,लव कुमार गुप्ता ताराचंद शर्मा,अखिलेश मिश्रा,चकित मिश्रा, शकुन मिश्रा आदि रहे।
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