श्रीराम कथा सुनने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पीपली गांव में चल रही श्रीराम कथा में कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने कई महत्वपूर्ण प्रसंग सुनाए। श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ इकट्ठा हुई। कथा के दौरान, सती ने भगवान राम की परीक्षा ली और यह समझा कि...
बिलारी। क्षेत्र के गांव पीपली में चल रही श्रीराम कथा में कथा व्यास ने अनेक प्रसंग सुनाए। जिसे सुनने के लिए भारी तादात में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। शनिवार को कथा व्यास आचार्य शिव शंकर भारद्वाज ने कहा कि अगस्त्य ऋषि के यहां सती और शंकर जी कथा सुनने गए। ऋषि ने मां से उठकर पति-पत्नी का भव्य स्वागत और पूजन किया। सती के मन में संदेह हुआ कि कथा का वक्ता ज्ञानी नहीं है। इसी संशय के चलते सती ने मन से कथा को नहीं सुना। संशय युक्त श्रोता कथा का लाभ नहीं ले पाते। शिव कथा श्रवण कर वापस कैलाश को चले तो मार्ग में राम लक्ष्मण मिले। राम सीता हरण के दुख से पीड़ित वन के पशु पक्षियों से सीता का पता खोज रहे थे। कथा व्यास ने कहा कि ब्रह्म नरलीला करते समय सांसारिक पत्नी प्रेमी मनुष्य को पीछे छोड़ देते हैं, नर लीला देखकर शिव प्रसन्न होकर राम को सच्चिदानंद कहकर प्रणाम करते हैं पर सती संशय रोग से पीड़ित होकर राम को राजा का बेटा ही मानती हैं। शिव के बहुत समझाने पर भी सती राम को ब्रह्म मानने को तैयार नहीं थी, अंत में शिव ने सती से कहा कि अपने संशय को दूर करने के लिए भगवान श्री राम की परीक्षा ले लो। तब सती सीता का रूप धरकर श्री राम की परीक्षा लेने जाती हैं। तब उन्हें ज्ञान होता है कि भगवान राम ब्रह्म स्वरुप है, कथा व्यापारी तादात में श्रद्धालु पहुंचे। इस मौके पर पूरनपाल, सत्यवीर सिंह, शिव कुमार, राजेंद्र प्रजापति, अजय कुमार, सोबरन, गजराम ,कुसुम पाल,मीना आदि सहित अनेकों मौजूद रहे।
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