Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मुरादाबादAkhilesh Yadav s Prestige at Stake in Moradabad SP Candidate Fails to Secure Votes

सपा के दो-दो सांसद, चार विधायक फिर भी नहीं बची प्रत्याशी की जमानत

मुरादाबाद मंडल में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा संकट में है। कुंदरकी में आयोजित जनसभा में मुस्लिम वोटरों को उत्साहित करने के बावजूद, सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान केवल 25,561 वोट ही प्राप्त कर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादSat, 23 Nov 2024 07:10 PM
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सपा का गढ़ कहे जाने वाले मुरादाबाद मंडल में अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। कुंदरकी में जनसभा का आयोजन कर उन्होंने मुस्लिम वोटरों में काफी हद तक जोश भरने का काम किया। सांसदों-विधायकों और पूर्व मंत्रियों को चुनाव की कमान सौंपी। उन्होंने चुनाव में पार्टी प्रत्याशी की जीत के बड़े-बड़े दावे किए। मतगणना के बाद उनके दावे हवा-हवाई हो गए। कुंदरकी से 2022 के चुनाव में जियाउर्रहमान बर्क विधायक चुने गए थे। संभल से सांसद बनने के बाद कुंदरकी सीट रिक्त हुई। उप चुनाव में संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क के अलावा मुरादाबाद की सपा सांसद रुचि वीरा, कांठ विधायक कमाल अख्तर, ठाकुरद्वारा विधायक नवाबजान, देहात विधायक नासिर कुरैशी और बिलारी विधायक मोहम्मद फहीम की भी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई थी। बदायूं के सांसद आदित्य यादव के अलावा प्रभारी रामौतार सैनी व सिद्धार्थ सिंह भी लगातार कुंदरकी में रहकर चुनाव की कमान संभाले हुए थे। इतने नेताओं की फौज सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को मात्र 25561 वोट ही दिला सके। जानकारों का कहना है कि सपा नेता मुस्लिम मतों में अपनी पैठ बनाने में ही कामयाब नहीं हो सके। उनका चुनाव प्रचार सिर्फ फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रहा। इसके अलावा सपा प्रत्याशी हाजी रिजवान के प्रति लोगों में गुस्सा भी इसकी एक बजह बना। पार्टी प्रत्याशी की चुनाव में जमानत तक नहीं बची। भले ही सपा नेता हार का ठीकरा प्रशासन पर फोड़ रहे हों, मगर पार्टी स्तर पर आत्ममंथन की जरूरत है। वरना यही हाल 27 के चुनावों में भी होगा।

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