कोहरे ने 46 ट्रेनें लेट, 22 घंटे बाद आई न्यूजलपाईगुड़ी
गुरुवार को कोहरे के कारण मंडल में 46 ट्रेनें देर से चलीं। सबसे ज्यादा लेट ट्रेन न्यू जलपाई गुड़ी रही यह ट्रेन 22 घंटे बाद पहुंची। इसके अलावा लंबी दूरी की चार ट्रेनें दूसरे दिन पहुंची। ट्रेनों की...
गुरुवार को कोहरे के कारण मंडल में 46 ट्रेनें देर से चलीं। सबसे ज्यादा लेट ट्रेन न्यू जलपाई गुड़ी रही यह ट्रेन 22 घंटे बाद पहुंची। इसके अलावा लंबी दूरी की चार ट्रेनें दूसरे दिन पहुंची। ट्रेनों की लेटतीफी को लेकर यात्रियों में गुस्सा दिखा। साथ ही प्लेटफार्म पर हंगामे जैसा माहौल रहा। दिल्ली की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनों का टाइम टेबिल बुरी तरह से बिगड़ गया है। लेट ट्रेनों में किसान एक्सप्रेस तेरह घंटे, लोहित पंद्रह, अवध-असम बारह, सियालदह चार, श्रमजीवी एक घंटे, काशी-विश्वनाथ दो घंटे शामिल है। इसके अलावा सप्तक्रांति एक्सप्रेस के तीन घंटे देर से चलने को लेकर यात्रियों ने पूछताछ केंद्र से लेकर स्टेशन मास्टर के कक्ष तक हंगामा किया।
अचानक राप्तीगंगा कैंसिल, यात्री हैरान
मुरादाबाद। गुरुवार को राप्तीगंगा के अचानक कैंसिल होनेकी वजह से यात्री हैरान रह गए। गोरखपुर से देहरादून को चलने वाली यह ट्रेन कई दिनों से लेट चल रही थी। बुधवार को यह ट्रेन सत्रह घंटे देर से मुरादाबाद से देहरादून के लिए रवाना हुई। गुरुवार को यह ट्रेन कैंसिल कर दी गई। रेलवे के साइट पर ट्रेन की पोजीशन जानने वालों को उस समय झटका लगा, जब स्टेशन पहंचने के बाद यह पता चला कि यह ट्रेन कैंसिल कर दी गई है।
रेलवे प्रवक्ता का कहना है कि राप्तीगंगा के दोनों फेरे कैंसिल कर दिए गए हैं। इसका प्रसारण रेलवे स्टेशन पर किया जा रहा था। वेबसाइट पर ऐसा क्यों नहीं दिखा इसकी जानकारी विभाग को नहीं है। बरेली से दिल्ली को जाने वाली इंटरसिटी सहित मंडल की छह ट्रेनों के कैंसिल होने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।
नजीबाबाद में जननायक का इंजन फेल
मुरादाबाद। गुरुवार की सुबह नजीबाबाद में जननायक का इंजन फेल हो गया। इस वजह से यह ट्रेन 27 मिनट खड़ी रही। जबकि दो गुड्स ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया। सुबह 5:50 बजे ट्रेन का इंजन खराब हुआ और इसके बाद छह बजकर पांच मिनट पर इस ट्रेन को वहां से चलाया जा सका।
धामपुर यार्ड में पटरी टूटी, संचालन प्रभावित
मुरादाबाद। धामपुर-चकरमल स्टेशन के बीच यार्ड में रेल फ्रैक्चर की वजह से ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया। दिन के 11:50 बजे टोकन पोर्टर रामरतन से पटरी में फ्रैक्चर देखी और कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देकर ट्रेनों का संचालन बंद कराया। इसके बाद सिविल इंजीनियरिंग की टीम ने पटरी ठीक की। इसके बाद बारह बजकर दस मिनट पर यह रूट बहाल हो सका। इस दौरान गुड्स ट्रेन पंद्रह मिनट खड़ी रही।
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