बैंक मैनेजर ने महिला टीचर की मदद से की थी रिटायर्ड प्रबंधक की हत्या, पुलिस ने बताया क्यों वारदात
- मुरादाबाद में रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह की हत्या प्रथमा बैंक अमरोहा के पवसरा शाखा प्रबंधक ने एक शिक्षिका और कार मैकेनिक की मदद से की थी। एसपी देहात संदीप कुमार मीणा ने सोमवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीनों लोगों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया।
मुरादाबाद में रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह की हत्या प्रथमा बैंक अमरोहा के पवसरा शाखा प्रबंधक ने एक शिक्षिका और कार मैकेनिक की मदद से की थी। एसपी देहात संदीप कुमार मीणा ने सोमवार को हत्याकांड का खुलासा करते हुए तीनों लोगों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि क्यों मैनेजर को इस तरह से साजिश रचने पर मजबूर होना पड़ा। कैसे महिला टीचर और मैकेनिक भी हत्याकांड में शामिल हो गया।
एसपी देहात संदीप कुमार मीणा और सीओ बिलारी राजेश कुमार तिवारी ने सोमवार को पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर रिटायर्ड बैंक मैनेजर वीर सिंह की हत्या का खुलासा किया। एसपी देहात ने बताया कि 16 अगस्त को देर रात करीब 12 बजे मैनाठेर थाना क्षेत्र में चंदौसी कट के पास एक शव लावारिस हालत में मिला था। पास ही उसकी बाइक खड़ी थी। उसकी शिनाख्त मझोला की मानसरोवर कालोनी में रहने वाले प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के रिटायर्ड सीनियर मैनेजर वीर सिंह(65 वर्ष) के रूप में हुई थी। पोस्टमार्टम में गला घोटकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी। बेटे हर्षित चौधरी ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। एसओजी समेत पुलिस की पांच टीमें जांच पड़ताल में जुटी थीं।
विवेचना के बाद एसएचओ मैनाठेर किरनपाल सिंह की टीम ने मझोला के शाहपुर तिगरी निवासी प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के मैनेजर मनोज कुमार, सिविल लाइंस के डबल स्टोरी एमडी कालोनी निवासी कार मैकेनिक अनिल कुमार गुप्ता और मझोला के बुद्धिविहार सेक्टर-2 में रहने वाली संभल के गांव अतौरा निवासी शिक्षिका वीरबाला यादव को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त बैंक मैनेजर मनोज कुमार की कार, आलाकत्ल रस्सी, वीर सिंह का आधार कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एक ब्लैंक चेक और वसीयत का कागज बरामद किया गया है, जिसे आरोपियों ने झाड़ी में फेंक दिया था। एसपी देहात ने बताया कि आरोपी मनोज कुमार पूर्व में वीर सिंह के साथ काम कर चुका था। इस समय वह अमरोहा की पवसरा शाखा में तैनात था।
रिटायर्ड मैनेजर वीर सिंह भी मूल रूप से अमरोहा के रहने वाले थे इसलिए उनके परिचित अक्सर मनोज कुमार के पास लोन के लिए जाते थे तो मनोज उनसे पैसे मांगता था। वीर सिंह इसका विरोध करते थे और उन्होंने उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत भी की थी। इन्हीं शिकायतों के कारण मनोज कुमार परेशान था। उसने वीर सिंह को रास्ते से हटाने की योजना बना ली। साजिश के तहत उसने अपनी परिचित शिक्षिका वीरबाला यादव से वीर सिंह की दोस्ती करा दी थी।
वारदात वाले दिन वीरबाला ने कॉल करके वीर सिंह को मिलने के बहाने एमडीए ऑफिस के पास बुलाया, जहां आरोपी मनोज कुमार अपने तीसरे साथी अनिल कुमार गुप्ता के साथ पहले से कार लेकर खड़ा था। वहां से वीरबाला वीर सिंह की बाइक पर बैठकर चंदौसी कट के पास पहुंची। यहां पीछे से पहुंच कर मनोज कुमार और अनिल ने वीर सिंह को खींचकर कार में डाल दिया। आरोपियों ने पहले हाथ से वीर सिंह का गला दबाया और बाद में रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी।
वीरबाला और मनोज कुमार करीब 40 मिनट तक कार में ही शव लेकर हाईवे पर घूमते रहे। वहीं तीसरा आरेापी अनिल बाइक लेकर पीछे-पीछे चलता रहा। बाद में महिला को पाकबड़ा में हाईवे पर उतारने के बाद मनोज कुमार कार लेकर मैनाठेर थाना क्षेत्र में चंदौसी कट के पास पहुंचा और शव को वहीं फेंक दिया। वीर सिंह का मोबाइल तोड़कर वहीं डाल दिया और बाइक भी वहीं खड़ी कर दी। बाद में आरोपी कुंदरकी डींगरपुर मार्ग की ओर चले गए और उधर ही डींगरपुर से पाकबड़ा रोड पर सड़क किनारे झाड़ियों में वीर सिंह के पास से मिले कागजात भी फेंक दिए। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी बैंक मैनेजर मनोज कुमार वीर सिंह के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था। एसपी देहात ने बताया कि तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
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