रामलीला में धनुष यज्ञ की लीला का हुआ मंचन
कुलपहाड़, संवाददाता। नगर में 123 साल पुराने रामलीला में कलाकारों के द्वारा धनुष यज्ञ। जिससे राजा जनक परेशान होकर कहने लगे कि यह धरती अब वीरों से विहीन
कुलपहाड़, संवाददाता। नगर में 123 साल पुराने रामलीला में कलाकारों के द्वारा धनुष यज्ञ की लीला का शानदार मंचन किया। परशुराम और लक्ष्मण संवाद की भी जमकर सराहना की गई। रामलीला देखने के लिए दूर-दूर से लोग परिवार के साथ पहुंच रहे है। नगर के रामलीला मैदान में आदर्श रामलीला मंडल के द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन की लीलाओं का मंचन किया जा रहा है। जनकपुर के राजा जनक के द्वारा बेटी सीता के स्वयंवर के लिए शिवजी के धनुष तोड़ने वाले से राजकुमारी सीता के विवाह की शर्त रखी। स्वयंवर में दूर दराज से आए राजकुमार शिव जी के धनुष को हिला तक न सके। जिससे राजा जनक परेशान होकर कहने लगे कि यह धरती अब वीरों से विहीन हो रही है। गुरु की आज्ञा पाकर राम चंद्र ने धनुष तो उठाया और तीर चढ़ाते ही धनुष टूट गया। धनुष टूटते ही जय श्रीराम के उद्घोष से माहौल भक्तिमय हो गया। धनुष टूटने की खबर पर परशुराम क्रोधित होकर पहुंचें जहां परशुराम और लक्ष्मण का संवाद हुआ। श्रीराम ने लक्ष्मण के क्रोध को शांत कराया। रामलीला में प्रभू राम का अभिनय जितेंद्र मिश्रा, लक्ष्मण का कौशल तिवारी, परशुराम बबलू महाराज, रावण का अभिनय धर्मेद्र सोनी, बाणासुर का बृजेश सोनी, जनक का देवेंद्र पांचाल के द्वारा अभिनय किया गया। संचालन संतोष सुल्लेरे, चंद्र नारायण द्विवेदी और जागेश्वर यादव के द्वारा किया गया।
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