शिविर में चिकित्सक नदारद, प्रमाण पत्र को भटकते रहे दिव्यांग
दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई बार चक्कर काटने के बाद भी जांच नहीं हो पा रही है। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की कमी बताकर दिव्यांगों की समस्या को अनदेखा कर रहे...
दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई बार चक्कर काटने के बाद भी जांच नहीं हो पा रही है। विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की कमी बताकर दिव्यांगों की समस्या को अनदेखा कर रहे है।
स्वास्थ्य विभाग में अव्यवस्था का सामना दिव्यांगों को करना पड़ रहा है। दिव्यांगों के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सोमवार का दिन तय किया गया है। जहां अस्थि रोग विशेषज्ञ सहित आंख कान गला विशेषज्ञ और नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सकों की टीम द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए जांच करने का प्रावधान है। सोमवार को दोपहर तक चिकित्सकों के न पहुंचने के कारण दूर-दराज से आने वाले आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सुरहा गांव निवासी पप्पू का कहना है कि चार बार चक्कर लगाने के बाद भी जांच नहीं हो सकी है। धरवार के कमलापत का कहना है कि वह अपने दस वर्षीय रितिक का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दो बार से कार्यालय के चक्कर काट रहा है। गुगौरा के अशोक का कहना है कि कर्मचारियों के द्वारा चिकित्सकों के बारे में जानकारी करने पर संतोषजनक उत्तर नहीं दिया जा रहा है। कुलपहाड़ निवासी 50 वर्षीय लालता को प्रमाण पत्र का इंतजार है। बहिंगा निवासी गोनी का कहना है कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कोई जानकारी देने वाला नहीं है। सीएमएओ डॉ सुमन का कहना है कि चित्रकूट में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर जिले से चिकित्सकों की टीम को भेजा गया है। ईएनटी प्रशिक्षण में गए थे। जिस कारण नहीं पहुंच सके। चिकित्कसों की कमी के कारण कुछ परेशानी हो रही है। फिर भी दिव्यांगों की सुविधा को लेकर बेहतर से बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है।
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