स्वामी ब्रम्हानंद ने बुंदेलखंड में जगाई शिक्षा की अलख
Mohoba News - महोबा, संवाददाता। बुंदेलखंड में शिक्षा की अलख जगाने में महती भूमिका निभाने वाले स्वामी
महोबा, संवाददाता। बुंदेलखंड में शिक्षा की अलख जगाने में महती भूमिका निभाने वाले स्वामी ब्रम्हानंद लोधी की जयंती पर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया। नगर में निकाली गई शोभा यात्रा में स्वामी ब्रम्हानंद के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया गया।
बुधवार को स्वामी ब्रम्हानंद की जयंती पर शोभा यात्रा निकाली गई। विद्यालयों में भी स्वामी ब्रम्हानंद के जीवन पर प्रकाश डाला गया। शोभा यात्रा में शामिल पूर्व मंत्री धु्रराम लोधी ने कहा कि स्वामी ब्रम्हानंद ने पूरे जीवन शिक्षा की अलख जगाने का काम किया। स्वामी ब्रम्हानंद के प्रयास से बुंदेलखंड में शैक्षिक संसाधनों में इजाफा हुआ। कहा कि स्वामी ब्रम्हानंद का जन्म हमीरपुर जिले के राठ तहसील के बरहरा गांव में किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मातादीन लोधी और माता का नाम जशोदाबाई था। बचपन का नाम शिवदयाल था। घर में रहकर रामायण, महाभारत और गीता उपनिषद के अध्ययन करने से लोग उन्हें स्वामी ब्रम्हानंद के नाम से पुकारनें लगे। स्वामी ब्रम्हानंद ने बुंदेलखंड में शिक्षण संस्थान खुलवाएं। सन 1921 में राष्ट्रपिता के संपर्क में आने के बाद स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और नमक आंदोलन में हिस्सा लिया। गौ हत्या के खिलाफ भी स्वामी ब्रम्हानंद ने आंदोलन छेड़ा। हमीरपुर लोक सभा से जनसंघ से 1967 में चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कर देश के पहले सन्यासी सांसद बनकर सदन में पहुंचे। सदन में स्वामी ब्रम्हानंद ने गौवंश की रक्षा को लेकर एक घंटा तक ऐतिहासिक भाषण दिया। नगर में निकाली गई शोभा यात्रा में महारानी अवंतिबाई, गुलाब सिंह लोधी सहित अन्य महापुरुषों की झाकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। इस मौके पर अंकित राजपूत, रामसहांय राजपूत, प्रेमनारायण राजपूत, विनोद राजपूत, गुलाब राजपूत सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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