राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने न्यूनतम वेतन निर्धारण की मांग की
Mirzapur News - मिर्जापुर, संवाददाता। आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त
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मिर्जापुर, संवाददाता। आठवें वेतन आयोग के गठन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने प्रदेश में कार्यरत कुछ महत्वपूर्ण कर्मचारी संगठनों से आठवें वेतन आयोग में शामिल किए जाने हेतु सुझाव मांगा हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश की तरफ से प्रदेश में कार्यरत लगभग 12 लाख राजपत्रित एवं अराजपत्रित कर्मचारियों के बारे में सुझाव प्रेषित किए गए हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी एवं महामंत्री अरुणा शुक्ला ने वित्त विभाग के विशेष सचिव पुष्पराज सिंह से मुलाकात कर राज्य कर्मचारियों की तरफ से दिए गए सुझावों पर विचार विमर्श किया। संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि देश में कोई भी राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन नीति निर्धारित नहीं है, जिसके कारण अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग न्यूनतम वेतन मिल रहा है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी की भी आकांक्षाएं अच्छा जीवन जीने की होती हैं। वर्ष- 2019 के न्यूनतम मजदूरी कोड को तात्कालिक प्रभाव से लागू किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन नीति निर्धारण करने का सुझाव दिया है l
कहाकि आठवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतन का निर्धारण सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। न्यूनतम वेतन निर्धारण के लिए सरकार ने सातवें वेतन आयोग में भारतीय श्रम कॉन्फ्रेंस 1957 के फार्मूले को आधार बनाया था। जिसके आधार पर एक दैनिक मजदूर की नित्य प्रति की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तीन यूनिट के एक परिवार के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारण किया गया था। न्यूनतम वेतन के निर्धारण में भोजन संबंधी सामग्री के अलावा पोषण से संबंधित सामग्री भी सम्मिलित की गई थी। यह फार्मूला एकरॉयड फार्मूला के नाम से जाना जाता है।
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