बौद्ध भिक्षुओं ने सम्राट अशोक के शिलालेख के विकास की मांग की
अहरौरा में सम्राट अशोक का शिलालेख, जो देश का सातवां शिलालेख है, पर बौद्ध धर्म का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। भीमराव यशवंत राव ने कहा कि शिलालेख हजारों साल पुराना है और हमें बौद्ध धर्म को...
अहरौरा,हिन्दुस्तान संवाद । नगर के उत्तर तरफ भंडारी देवी के पहाड़ पर अहरौरा डीह ग्राम पंचायत में स्थित सम्राट अशोक का शिलालेख देश का सातवां शिलालेख है। भीमराव यशवंत राव ने यह दावा किया है। वहीं अशोक के शिलालेख के पास सोमवार को दी बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाबा भीमराव आम्बेडकर के पौत्र भीमराव यशवंत राव आंबेडकर ने कहा की इस पहाड़ पर स्थित शिलालेख जिसको सम्राट अशोक ने लोहे की कलम से पत्थर की कापी पर संदेश के रुप में उकेरा है। यह हजारों साल पहले का है। इसी पहाड़ी पर तथागत बुद्ध एक वर्षा वास किए थे। सम्राट अशोक का यह शिलालेख देश का सातवां शिलालेख है। उन्होंने कहा कि हमें बौद्ध धर्म को समझना होगा और बौद्ध धर्म का पालन करना चाहिए। हमारे देश ही नहीं बल्कि जापान,चीन थाईलैंड श्रीलंका आदि देशों में पूजे जाने वाले तथागत के बताए मार्ग पर चलकर हम आगे बढ़ सकते हैं। प्रशिक्षण शिविर में पन्द्रह पुरुष एवं दस महिलाओं ने बौद्ध धर्म का प्रशिक्षण लिए। इस अवसर पर दी बोधिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष निर्भय कुमार जैसल, विक्रमा राव, समता सैनिक, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
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