डूबने के तीस घंटे बाद भी भाई -बहन का नहीं चला पता
विंध्याचल के रैपुरी गाँव में गंगा में नहाते समय दो भाई-बहन डूब गए। 30 घंटे बाद भी उनका कोई पता नहीं चला। पिता विजय शंकर और मां भगीरथी ने बच्चों की तलाश में समय बिताया, जबकि गाँव में मातम का माहौल है।...
जिगना, हिंदुस्तान संवाद । विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के रैपुरी गाँव में शनिवार को गंगा में नहाते समय डूबे सगे भाई बहनों का रविवार को 30 घंटे के बाद भी कहीं आता -पता नहीं चला l मुंबई से शादी की खुशियों में शामिल होने आए विजय शंकर कनौजिया, उनकी पत्नी अपने दोनों जिगर के टुकड़ों को खोने के बाद से ही मां भगीरथी के तट पर बैठ उनके आने की आस में काल बनी गंगा की लहरों पर अनायास ही टक -टकी लगाए रही l विजय शंकर की पत्नी दोनों आखों के तारों को खोने के बाद से बेसुध हैं l उधर रविवार दोपहर तक घटना स्थल पर न एसडीआरएफ की टीम पहुंची और न ही स्थनीय गोताखोर दिखे l घाट पर पसरे मातमी सन्नाटे को रह रह कर एक दुखीयारी मां की करुण करुण क्रन्दन चीर रही थीं l
डूबने की खबर सुनते ही शनिवार को गाँव को गाँव का माहौल गमगीन हो गया। घरों में चूल्हे नहीं जले। विजय शंकर एक बेटी व दो बेटों का पिता है। मुंबई में रहकर निजी कंपनी में नौकरी करता है। 23 नवंबर को छोटे भाई सूरज की शादी है। अभी एक सप्ताह पहले ही वह परिवार के साथ घर आया था। शनिवार की सुबह बच्चे गंगा स्नान करने की जिद करने लगे। छोटा बेटा शुभम बाहर खेलने चला गया था। पिता को मलाल इस बात का है कि ना जाने किस मनहूस घड़ी में उसने बच्चों की बात मान लिया। यह तो संयोग ही था कि छोटा बेटा शुभम गाँव में ही कहीं खेलने चला गया था।
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