डीआईओएस कार्यालय व प्रधानाचार्य के बीच फंसा परीक्षा का पारिश्रमिक
Mirzapur News - मिर्जापुर में माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा ड्यूटी का पारिश्रमिक प्रधानाचार्य और जिला विद्यालय निरीक्षक के बीच अटका हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि 2024 की परीक्षा में लगभग पांच हजार कर्मचारियों को...

मिर्जापुर,संवाददाता। माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षा ड्यूटी का पारिश्रमिक जिला विद्यालय निरीक्षक व प्रधानाचार्य के बीच फंस गया है। पारिश्रमिक का भुगतान न होने से शिक्षकों में रोष व्याप्त है। शिक्षकों का कहना है कि वर्ष 2024 में जिले के 117 परीक्षा केंद्रों पर जनपद के राजकीय,सहायता प्राप्त अशासकीय, वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों,परिचारकों,बंडल वाहक और लिपिक को मिलाकर लगभग पांच हजार कर्मचारियों ने परीक्षा ड्यूटी की,लेकिन किसी भी प्रधानाचार्य, शिक्षक परिचारक,लिपिक के खाते में उनका पारिश्रमिक नहीं आया। जबकि वर्ष 2025 की परीक्षा भी आधे बीतने को है। परीक्षा में दोनों पालियों के हिसाब से केंद्र व्यवस्थापक को 160,अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक को 106,कक्ष निरीक्षक को 96,लिपिक को 66,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 56 और बंडल वाहों को 32 रुपये के हिसाब से यूपी बोर्ड के भुगतान करने की व्यवस्था है। शिक्षकों का आरोप है कि यूपी बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षक को परीक्षा ड्यूटी के पारिश्रमिक का भुगतान कर चुका है,लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक के पटल लिपिक के चलते सारा भुगतान अधर में लटका हुआ है। मार्च माह में धनराशि का वितरण नहीं किया गया तो लैप्स भी हो सकता है। परिश्रमिक का भुगतान न होने से परीक्षा कार्य में लगे शिक्षक खासे मायूस हैं। उधर शिक्षकों के दावे के उलट जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के पटल लिपिक का कहना है कि पिछले साल जिले के 117 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा कराया गया था। जिनमें अधिकांश विद्यालयों के प्रधानाचार्यों के खाते में परीक्षा ड्यूटी के पारिश्रमिक का भुगतान कर दिया गया है। केवल आठ विद्यालयों का भुगतान अवशेष है। वह भी त्रुटिपूर्ण बिल आने की वजह से भुगतान नहीं हो पाया है। संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बिल में सुधार कर वापस बिल भेजने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
जिसने दिया बिल उनका हुआ भुगतान
जिस विद्यालय के यूपी बोर्ड के परीक्षा कार्य के पारिश्रमिक भुगतान का बिल प्रस्तुत किया उन विद्यालयों का भुगतान हो चुका है। जिसने बिल नहीं दिया उनका भुगतान नहीं हो पाया है। यही नहीं विद्यालय की ओर से समय शिक्षकों को वेतन बिल भी नहीं भेजा जाता है। जिससे वेतन भुगतान में भी विलंब होता है।
मायाराम , जिला विद्यालय निरीक्षक
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