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पुराना पुल बंद, नए पर कटान से खतरा

Mirzapur News - दोहरीघाट-बड़हलगंज के बीच बन रहे नए पुल को सरयू नदी के कटान से खतरा है। अधिकारियों ने सुरक्षा उपायों के लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई है। पिछले साल भी पुल कटान की चपेट में आया था। अब कटान रोकने के लिए...

Newswrap हिन्दुस्तान, मिर्जापुरTue, 18 Feb 2025 02:03 PM
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पुराना पुल बंद, नए पर कटान से खतरा

दोहरीघाट (मऊ), हिन्दुस्तान संवाद। सरयू नदी की धारा बदलने से वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर दोहरीघाट-बड़हलगंज के बीच नया पुल आवागमन शुरू होने के साथ ही खतरे की जद में आ गया है। बीते सितंबर माह में नदी ने उत्तर की ओर कटान शुरू की तो अधिकारियों की चिंता बढ़ गई। यदि आगामी बारिश के मौसम में भी नदी ने इसी तरह कटान की तो पुल पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है। खतरे को देखते हुए एनएचएआई ने सुरक्षात्मक कार्य के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है। मंगलवार को टीम ने पुल के नीचे हो रहे कटान का निरीक्षण किया। अब टीम के रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षात्मक कार्य होंगे। वहीं, करीब 50 साल पुराने पुल को कुछ दिन पहले विशेषज्ञों की ओर से की गई जांच में भारी वाहनों के लिए सक्षम नहीं पाया गया, फिलहाल पुराने पुल से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई। साथ ही मरम्मत कार्य भी शुरू हो गया है।

दोहरीघाट क्षेत्र के नईबाजार के पास सरयू नदी पर बन रहे वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पुल तीन साल पूर्व भी कटान की चपेट में आ गया था। जिसके बाद इसके आठ पिलरों की संख्या बढ़ाते हुए लंबाई बढ़ा दी गई थी। इसके बाद बीते सितंबर माह में पुल के 25वें और 26वें पिलर के नीचे मिट्टी बहने और कटान शुरू हो गई थी। जिसके बाद एनएचआई और कार्यदायी संस्था जेपी ग्रुप के हाथ पांव फूलने लगे थे। आनन-फानन में बोल्डर डालकर किसी तरह काटन रोकी गई थी। लेकिन निर्माणाधीन करीब 1400 मीटर फोरलेन पुल पर खतरे की घंटी बजी, तो एनएचआई अधिकारियों ने इसकी सूचना हेड क्वार्टर को भेजी थी, जिसकी रिपोर्ट पर मंगलवार को विशेषज्ञों की गठित टीम ने मौके का निरीक्षण किया और सुरक्षात्मक उपाय की रिपोर्ट बनाई। अब टीम के रिपोर्ट के आधार पर कटान रोकने के सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। हालांकि फोरलेन पुल के एक लेन को एक साल पहले शुरू किया गया था, जबकि दूसरी लेन को करीब दो माह पहले पूरा किया गया है। इस नए पुल पर खतरा मंडरा रहा है। एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ के दौरान भी कटान स्थल पर पैनी नजर थी, जबकि इस बार बारिश से पहले ही सुरक्षात्मक उपाय किए जाएंगे। आवश्यकता पड़ी तो सिंचाई विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा।

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