मानव को सदा धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए: अनादि
जमालपुर के हरिहरपुर गांव में अनादि महराज ने शनिवार को श्री कृष्ण की बाल लीला की कथा सुनाई। श्रद्धालुओं ने जयकारों से पंडाल को गूंजित कर दिया। महराज ने धर्म का पालन करते हुए समाज सेवा का महत्व बताया।...
जमालपुर, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के हरिहरपुर गांव में वृन्दावन से आये कथावाचक अनादि महराज ने शनिवार को श्री कृष्ण के बाल लीला की कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिए। वहीं श्रद्धालुओं के जयकारो से पंडाल गूंज उठा।
कथावाचक ने कहाकि व्यक्ति को हमेशा धर्म के मार्ग पर चलकर समाज की सेवा करनी चाहिए। मानव समाज में पैदा होता है और समाज में अपने धर्म कर्म व सद्भाव से संसारिक बन्धन से मुक्त होकर परमात्मा के शरण मे चला जाता है।
भगवान कृष्ण अपनी बाल लीला से सबका मन मोह लेते थे। नटखट स्वभाव के चलते उनकी शिकायत प्रतिदिन माता यशोदा के यहां पहुंचती थी। मां कहती थी कि तुम माखन चुरा कर खा जाते हो यह शिकायत मुझे मिलती है। मां यशोदा उन्हें डांट-फटकार कर घर से बाहर नहीं जाने देती है। तब गोपियां कृष्ण भगवान के घर जाकर माता यशोदा से आग्रह करके कृष्ण को घर से बाहर करती है और माता यशोदा के अनुमति पर छलिया कृष्ण मुस्कुराते हुए गोपियों के संग खेलने चले जाते।
श्रीकृष्ण ने गोपवासियों को इन्द्र की पूजा करने से मना कर दिए तो इन्द्रदेव क्रोधित होकर अतिवर्षा करने लगे। तब भगवान कृष्ण ने अपने कनिष्ठ अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर नगर वासियो को भीगने से बचा लिए। इन्द्र हारकर वर्षा बन्द कर दिए। कथा के समापन पर श्रीकृष्ण भगवान के जयकारे के बाद छप्पन भोग लगाया गया। कथा के दौरान कथा आयोजक कौशलेश सिंह, छाया सिंह, सत्येंद्र सिंह, गोपाल सिंह, रवींद्र सिंह, रणजीत, सुखपाल व रतनेश सिंह इत्यादि मौजूद रहें।
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