भगवान राम के जन्म लेते ही गूंजा जय श्रीराम का जयघोष
विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी सेवा समिति के भंडारे में रामलीला का आयोजन हुआ। दूसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव मनाया गया, जिसमें राजा दशरथ और रानी कौशल्या का पूजन हुआ। गुरु वशिष्ठ ने पुत्र की प्राप्ति का...
विंध्याचल, संवाददाता। मोती झील मार्ग पर स्थित मां विंध्यवासिनी सेवा समिति के भंडारा स्थल परिसर में आयोजित रामलीला के दूसरे दिन श्री राम जन्मोत्सव की रामलीला हुई।
श्री विन्ध्य प्राचीन रविंद्र नाटक रामलीला कमेटी के तत्वावधान में आयोजित रामलीला में राजा दशरथ व कौशल्या भगवान शंकर का पूजन अर्चन करती हैं। गुरु वशिष्ठ के आश्रम में पहुंचकर यज्ञ करते हैं, यज्ञ संपन्न होने के बाद गुरु वशिष्ठ ने प्रसाद के रूप में खीर देते हुए कहा कि इसको तीनों रानियां सेवन कर लें। गुरु वशिष्ठ ने उन्हें वरदान दिया कि पुत्र की प्राप्ति होगी। श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्ठी यज्ञ करवाया। इसके बाद राजा दशरथ क्षीर सागर में जाकर विष्णु भगवान की पूजन-अर्चन कर पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं। राजा दशरथ की तीनों रानियों ने चार सुंदर पुत्रों को जन्म दिया। प्रभु श्री राम, लक्ष्मण भरत एवं शत्रुघ्न का जन्म होता है। अयोध्यावासी खुशी के मारे नाचने व गाने लगे।
राम और लक्ष्मण के नौ वर्ष के हो जाने पर गुरु विश्वामित्र शिक्षा दीक्षा ग्रहण कराने के लिए अपने आश्रम ले जाते हैं। वहां पर राक्षसों द्वारा यज्ञ को भंग किया जाता है। पात्रों में दशरथ की भूमिका में प्रशांत द्विवेदी, गुरु विश्वामित्र की आदर्श उपाध्याय, विश्वामित्र अमन गोस्वामी, छोटा राम आयुष गोस्वामी, लक्ष्मण की भूमिका में एस मिश्रा, कौशल्या अर्चना सिंह, मंथरा सीमा यादव एवं व्यास की भूमिका में गोपी रहे। संचालन जय चौरसिया ने किया। इस मौके पर संस्था के संरक्षक प्रकाश चंद पांडेय, अध्यक्ष संगम लाल त्रिपाठी, मंत्री कमल मिश्रा, निर्देशक राज गिरी, सहित कमेटी के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यगण आदि मौजूद रहे।
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