पुरानी पेंशन बहाली को कर्मचारियों ने भरी हुंकार, 16 को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान
मिर्जापुर में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली, आठवें पे कमीशन का गठन,18 महीने के बकाया डीए डीआर, निजीकरण पर रोक आदि मांगों को लेकर हुंकार भरी और 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया।
पुरानी पेंशन बहाली, दैनिक वेतनभोगी कर्मियों की रेगुलराइजेशन, आठवें पे कमीशन का गठन,18 महीने के बकाया डीए डीआर,निजीकरण पर रोक आदि मांगों को लेकर कर्मचारी 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल करेंगे। कर्मचारियों को उक्त मांगों का समाधान नहीं हुआ तो भाजपा व उसके सहयोगी दलों को चुनाव में कर्मचारियों एवं पेंशनर्स और उनके परिजनों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा। यह ऐलान बुधवार को सिंचाई भवन में आयोजित मंडलीय कर्मचारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए किया। सम्मेलन की अध्यक्षता उ.प्र.चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष अशोक सिंह ने की। इस सम्मेलन में वाराणसी, भदोई, सोनभद्र, चंदौली, प्रयागराज, आजमगढ़ व मिर्जापुर आदि जनपदों के सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
सम्मेलन में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, उप प्रधान एसपी सिंह, सचिव पुनीत कुमार त्रिपाठी,एनपी सिंह, त्रिवेणी प्रसाद, मोहन लाल यादव, दिपेश सिंह,बद्री प्रसाद, सीता राम,रमा शंकर यादव, सनाउल्लाह खांन, सुखिया बानों आदि वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कर्मचारी सम्मेलन में 16 फरवरी की हड़ताल में बढ़ चढ़कर शामिल होने का फैसला लिया गया और राज्य में काम कर रहे सभी कर्मचारी संगठनों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया गया। हड़ताल के मुद्दों को कर्मचारियों तक पहुंचाने के लिए सभी जनपदों में कर्मचारी सभाएं आयोजित करने का फैसला लिया गया।
सुभाष लांबा ने सम्मेलन को बतौर मुख्य वक्ता संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली व आठवें पे कमीशन के गठन से इंकार कर कर्मियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश में लाखों की संख्या में गैर कानूनी तरीके से स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध दैनिक वेतनभोगी, ठेका, आउटसोर्स आधार पर कर्मियों को वर्षों से लगाया हुआ है। जहां इन नौजवानों को न तो नियमित किया जा रहा है और न ही समान काम समान वेतन तथा न उन्हें कोई सेवा सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
आए दिन ईएसआई एवं ईपीएफ के घोटाले उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार और पीएसयू में करीब एक करोड़ पद रिक्त है। लेकिन दो करोड़ रोजगार हर साल देने की गारंटी देकर सत्ता में आई सरकार इन पदों को पक्की भर्ती से नहीं भर रहीं हैं। उन्होंने जन सेवाओं के विभागों व पीएसयू को तेजी से निजीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 310,311(2) ए,बी,सी रद्द करने, ट्रेड यूनियन एवं लोकतांत्रिक अधिकारों के खिलाफ जारी परिपत्रों को वापस लेने, नेशनल एजुकेशन पालिसी, बिजली अमेंडमेंट बिल को वापस लेने व महंगाई पर रोक लगाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करने आदि मांगों को प्रमुखता से उठाया।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बड़े पूंजीपतियों के लाखों करोड़ रुपए राइट आफ कर रही है और लाखों करोड़ रुपए के टैक्स को माफ किया जा रहा है। आयकर छूट की सीमा को नहीं बढ़ाया जा रहा है, लेकिन कारपोरेट टैक्स 30 से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने सभी कर्मचारियों से 16 फरवरी की हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया।
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