दो लाख भक्तों ने जगत जननी मां विंध्यवासिनी का लिया आशीर्वाद
Mirzapur News - विंध्याचल, हिन्दुस्तान संवाद। प्रयागराज महाकुम्भ में गंगा-जमुना और अदृश्य सरस्व°ती के संगम स्थल त्रिवेणी
विंध्याचल, हिन्दुस्तान संवाद। प्रयागराज महाकुम्भ में गंगा-जमुना और अदृश्य सरस्व°ती के संगम स्थल त्रिवेणी में स्नान कर विंध्य धााम पहुंचे लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने फागुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर देवी के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर जीवन को कृतार्थ किया। जगत जननी के दर्शन-पूजन के बाद विंध्य क्षेत्र में श्रद्धालुओं और साधकों ने विधि-विधान से हवन पूजन अनुष्ठान का दौर निरंतर चलता रहा।
देवी धाम में लगी भक्तों की लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही। यहां पहुंचने पर भक्तों ने विंध्याचल के गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मंदिर पहुंचे और मातारानी को नारियल, चुनरी, गुड़हल के फूलों की माला,इलायची दाना हाथ में लिए भक्ति भाव से मां भगवती को अर्पण कर चौखट पर मत्था टेक मंगल कामना की। माता का दर्शन पूजन के बाद मंदिर परिसर में विराजमान बटुक भैरव, मां काली, मां सरस्वती, मां दुर्गा, मां लक्ष्मी आदि के भी दर्शन किए। इसके बाद हवन कुंड और मंदिर के गुंबद का परिक्रमा करके पुण्य कमाया। फूल पत्तियों और चुनरी से देवी मंदिरों की सजावट अलौकिक छटा बिखेर रही थी। विंध्याचल देवी के दर्शन के बाद अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान महाकाली माता, अष्टभुजी देवी के दर्शन भी किए । संपूर्ण दिवस घंटा, घड़ियाल, शंख, नगाड़ा एवं शहनाई की धुनों के साथ माता भगवती की जय जयकार से देवी दरबार गूंज रहा था । देवी मंदिरों में दर्शन पूजन करने के बाद भक्तों में विंध्य की गलियों में सजी दुकानों पर जाकर अपने जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी की। विक्री की बूम होने से दुकानदार भी गदगद नजर आए।
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