सामुदायिक शौचालयों की हालत बदहाल होने से साबित हो रहे निष्प्रयोज्य
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 78 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया है, लेकिन अधिकतर शौचालयों की साफ-सफाई और रखरखाव में कमी के कारण वे निष्प्रयोज्य हो रहे हैं। महिलाओं को रखरखाव का...
हलिया, हिंदुस्तान संवाद l स्वच्छ भारत मिशन के तहत लाखों रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण 78 ग्राम पंचायतों में करवाया गया है,लेकिन अधिकतर सामुदायिक शौचालयों में ताला लटकने, साफ सफाई और पानी आदि की व्यवस्था ठीक नही होने से निष्प्रयोज्य साबित हो रहे हैं l शौचालयों के रखरखाव का जिम्मा समूह की महिलाओं को दिया गया है,लेकिन इसका सही तरीके से मानिटरिंग करने वाला कोई नहीं है ।सरकारी आंकड़ों में विकास खंड के 79 ग्राम पंचायतों के 78 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण हो चुका है। पूर्व में बबुरा भैरो दयाल ग्राम पंचायत में बनाए गए सामुदायिक शौचालय को नेशनल हाईवे के निर्माण के समय तोड़ दिया गया l अभी तक सामुदायिक शौचालय का निर्माण नही करवाया जा सका है। समूह की 78 केयर टेकर महिलाओं की नियुक्ति सामुदायिक शौचालय की साफ सफाई व रखरखाव के लिए की गई है l इनको ग्राम पंचायत मद से प्रतिमाह छह हजार रुपये भुगतान किया जा रहा है l इसके बावजूद अधिकांश सामुदायिक शौचालय क्रियाशील नही होने से निष्प्रयोज्य बने हुए हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही से सामुदायिक शौचालयों का सही तरीके से क्रियान्वयन नही किए जाने से सडकों के किनारे खुले में लोग शौच कर रहे है l गंदगी के चलते मुहं बांध कर लोगों को गजरना पड़ रहा है। लापरवाही के चलते सरकार के मंसूबों पर पानी फिर रहा है और स्वच्छ भारत मिशन अभियान का सपना साकार नहीं हो पा रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।