Milkipur By Election: मिल्कीपुर में पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर, कल से नामांकन शुरू
लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट हारने के बाद भाजपा की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। वहीं, हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा को 9 में से केवल 2 सीटों पर जीत हासिल हुई, जिससे अखिलेश यादव की चिंता बढ़ गई है। अब दोनों प्रमुख दल मिल्कीपुर सीट जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हुए लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट हारने के बाद भाजपा की प्रतिष्ठा सवालों के घेरे में आ गई। दूसरी ओर हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा को 9 में से सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत मिली। जिससे अखिलेश यादव की भी टेंशन बढ़ा दी है। दोनों पार्टी अब मिल्कीपुर सीट जीतने के लिए जी जान लगा दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। सीएम योगी ने मिल्कीपुर की कमान पहले से ही खुद संभाल रखी है। भाजपा प्रतिद्वंद्धी सपा से लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट पर मिली हार का बदला चुकाना चाहती है।
मिल्कीपुर सीट पर भी उपचुनाव बाकी की आठ सीटों के साथ ही होना था लेकिन 2022 में भाजपा प्रत्याशी रहे बाबा गोरखनाथ की हाईकोर्ट में दाखिल रीट के चलते चुनाव टल गया था। इस सीट की संजीदगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा ने अयोध्या जिले में संगठन चुनाव ही टाल दिया है। पार्टी के 98 संगठनात्मक जिलों में से 97 में ही चुनाव हो रहे हैं। दूसरी ओर सपा के लिए मौका भी है और चुनौती भी। पिछली बार जब 10 सीटों के उपचुनाव के शोर के बीच मिल्कीपुर का उपचुनाव नहीं कराया गया तो सपा ने इसे भाजपा का डर बताते हुए कहा था कि जिसने जंग टाली समझों उसने जंग हारी।
33 सालों में भाजपा को मिली सिर्फ 2 बार जीत
अखिलेश यादव मिल्कीपुर जीत के लिए एड़ी चोटी जोर लगा दिए हैं। लेकिन भाजपा के आक्रामक देवर के कारण सपा के लिए अपनी सीट बचाना खासा मुश्किल होगा। दरअसल सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई थी। अगर इस सीट का इतिहास देखें थे अब तक यहां छह बार सपा और 2 बार बसपा जीत चुकी है। जबकि भाजपा 33 सालों में सिर्फ 2 बार ही जीती है।
गाइडलाइन जारी, कल से नामांकन
जिला निर्वाचन अधिकारी चन्द्र विजय सिंह की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के साथ 273-मिल्कीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को लेकर बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों के साथ बैठक करते हुए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजनीतिक दलों से सम्बंधित दिशा निर्देशों से अवगत कराया। कहा कि सभी राजनीतिक दल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी समस्त गाइडलाइन का अध्ययन करते हुए उसका अनुपालन सुनिश्चित करें।
17 जनवरी तक होगा नामांकन
जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि निर्वाचन की अधिसूचना 10 जनवरी जारी होगी। नाम निर्देशन हेतु अंतिम तारीख 17 जनवरी, नाम निर्देशनों की जांच 18 जनवरी, नाम वापसी की अंतिम तारीख 20 जनवरी है। वहीं, मतदान 5 फरवरी और मतगणना 8 फरवरी को होगी।
मिल्कीपुर का जातीय समीकरण
मिल्कीपुर का जातीय समीकरण देखा जाए तो यहां सवा लाख दलित हैं। इनमें से पासी बिरादरी 55 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादव मतदाता हैं। ब्राह्मणों की संख्या 60 हजार, क्षत्रियों की 25 हजार और वैश्य समुदाय के 20 हजार हैं।