ऑनलाइन प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने में कहां से आया ‘बिचौलिया’, झटक ले रहा बड़ी रकम
ऑनलाइन सम्पत्तिकर जमा कर रहे तो सावधान रहें। नगर निगम के पोर्टल पर आपके और नगर निगम के बीच ‘बिचौलिया’ बड़ी रकम झटक रहा है। इससे नगर निगम और महानगरवासी दोनों ही अनजान हैं।
Property Tax: गोरखपुर नगर निगम के प्रोत्साहन से आकर्षित होकर यदि ऑनलाइन सम्पत्तिकर जमा कर रहे तो सावधान रहें। नगर निगम के पोर्टल पर आपके और नगर निगम के बीच ‘बिचौलिया’ बड़ी रकम झटक रहा है। हैरानी की बात है कि इससे नगर निगम और महानगरवासी दोनों ही अनजान हैं। मामला सामने आने के बाद नगर आयुक्त के निर्देश पर संबंधित को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
दरअसल नगर निगम के पोर्टल पर सम्पत्तिकर जमा करते समय ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प चुनने समय गेटवे का विकल्प मिलता है। पहला आईसीआईसीआई बैंक का है जिसमें नेटबैंकिंग, डेबिट, क्रेडिट से भुगतान करने पर प्रति ट्रांजेक्शन 10 रुपये और 18 फीसदी जीएसटी मिलाकर प्रति ट्राजेक्शन 11 रुपये 80 पैसे अतिरिक्त चुकाने पड़ते हैं। दूसरी ओर क्यूआर कोड के जरिए भुगतान करने पर कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ता। लेकिन यह भी मिला कि आईसीआईसीआई का पेमेंट गेटवे यूजर फ्रेंडली नहीं है। लिहाजा महानगरवासी दूसरे ऑप्शन पेयू के गेटवे का विकल्प चुन लेते हैं। पेयू का गेटवे टांजेक्शन की गई धनराशि का 2 फीसदी और उस पर 18 फीसदी जीएसटी लेता है। यह रकम 03 फीसदी के करीब पड़ती है।
दो दिन में स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने अपने नोटिस में लिखा है कि नगर निगम द्वारा इस प्रकार के किसी शुल्क और प्रभार के लिए न कोई अनुमति दी गई है और न ही किसी को अधिकृत किया गया है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि नगर निगम के सम्पत्ति कर भुगतान के लिए पेमेंट गेटवे बैंक से उपलब्ध कराया गया है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने दो दिन के अंदर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
शिकायतों का भी असर नहीं
बेतियाहाता निवासी डॉ. सपना छापड़िया ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का सम्पत्तिकर का ऑनलाइन भुगतान अपने परिचित शाश्वत रुंगटा के माध्यम से 25 जुलाई को गूगल पे के जरिए पेयू के गेटवे का इस्तेमाल कर किया था। ऑनलाइन भुगतान पर तब निगम 15 फीसदी की छूट दे रहा था। इस छूट के बाद उनका बिल 36,862 रुपये बन रहा था लेकिन भुगतान करने पर 37,752 रुपये कट गए। इनमें 890.97 रुपये अतिरिक्त कटे। शाश्वत ने इसकी शिकायत उसी दिन 4.55 बजे नगर निगम को मेल पर की लेकिन मामला ठण्डे बस्ते में पड़ा रहा। कुछ ऐसी ही शिकायत कुछ और लोगों ने ‘हिन्दुस्तान’ से की।
छूट से तीन फीसदी झटक रहा पेयू
01 अप्रैल से 31 जुलाई तक नगर निगम ऑनलाइन भुगतान करने पर वर्तमान बिल पर 15 फीसदी व ऑफलाइन भुगतान पर 10 फीसदी छूट दे रहा था। इस अवधि में तकरीबन 16 करोड़ रुपये की धनराशि जमा हुई। एक अगस्त से 31 अगस्त तक नगर निगम ऑनलाइन पर सिर्फ 12 फीसदी और आफलाइन भुगतान पर 8 फीसदी छूट दे रहा है। ऐसे में बिना निगम की जानकारी के पेयू प्रति ट्रांजेक्शन उपभोक्ता को मिली छूट से तकरीबन 3 फीसदी झटक रहा है।
क्या बोले नगर आयुक्त
गोरखपुर के नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने कहा कि मामला संज्ञान में आने पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विनय कुमार राय एवं लेखाधिकारी रवि कुमार सिंह से जांच कराई जा रही है। संबंधित बैंको को नोटिस देकर स्पष्टीकरण तलब किया गया है। नियम विरुद्ध लिए गए शुल्क उपभोक्ताओं को वापस कराए जाएंगे।