विश्व बैंक की टीम ने लिया रैपिड रेल प्रोजेक्ट का जायजा
विश्व बैंक की टीम ने दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया और एनसीआरटीसी द्वारा उन्नत तकनीकों की सराहना की। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 42 किलोमीटर हिस्से पर वर्तमान में संचालन...
मेरठ। विश्व बैंक की टीम ने शुक्रवार को दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट का जायजा लिया। एनसीआरटीसी अधिकारियों ने बताया फिलहाल 42 किलोमीटर में हाईस्पीड रैपिड रेल का संचालन किया जा रहा है। जून-2025 में दिल्ली से मेरठ के मोदीपुरम तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। 82 किलोमीटर में संचालन होने लगेगा। इस तरह दिल्ली में सराय काले खां से मेरठ के मोदीपुरम तक रैपिड रेल के संचालन में 10 महीने का समय लगेगा। शुक्रवार को विश्व बैंक के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अर्बन ट्रांजिट के लिए वर्तमान और भविष्य में रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना में सहभागिता पर चर्चा के लिए एनसीआरटीसी का दौरा किया। इस चर्चा का मुख्य विषय आगामी आरआरटीएस कॉरिडोर के वित्तीय पोषण पर था। विश्व बैंक में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रीय निदेशक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल की अध्यक्षता वाली टीम से मुलाकात की। विस्तार से प्रोजेक्ट पर चर्चा की गई। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल की सारी रिपोर्ट रखी गई।
दिल्ली-अलवर प्रोजेक्ट पर भी अब होगा काम
बैठक में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी(अलवर) के बीच आरआरटीएस कॉरिडोर को वित्तपोषित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है। आरआरटीएस के लिए पहचाने गए आठ गलियारों में से तीन को चरण-1 में प्राथमिकता दी गई है, जिनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी(अलवर) आरआरटीएस कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर शामिल है। विश्व बैंक पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के माध्यम से लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करने और आगामी आरआरटीएस कॉरिडॉर पर ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) क्षमता की खोज करने सहित विभिन्न पहलों पर एनसीआरटीसी के साथ भागीदारी की है। यह साझेदारी अत्यधिक कारगर रही है, जिसकी विशेषता राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सतत और कुशल परिवहन बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण है।
मेरठ तक संचालन पर विश्व बैंक टीम हुई खुश
विश्व बैंक प्रतिनिधिमंडल ने भारत की पहली आरआरटीएस परियोजना को लागू करने में एनसीआरटीसी द्वारा इस्तेमाल की गई उन्नत तकनीकों की सराहना की। विशेष रूप से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के लिए निर्धारित समयसीमा में संचालन से टीम काफी प्रभावित हुई। बैंक ने आरआरटीएस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए एडीबी के साथ चार अग्रिम संयुक्त मिशन संचालित किए हैं। बताया गया कि वर्तमान में, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर पर 42 किलोमीटर के हिस्से पर नमो भारत ट्रेन सेवाएं चालू हैं। सम्पूर्ण 82 किलोमीटर के कॉरिडोर के जून 2025 तक पूर्ण करने की समय सीमा में पूरा होने की उम्मीद है।
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