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बोले मेरठ : कंकरखेड़ा में कोताही, पॉश कॉलोनियां नरक

Meerut News - कंकरखेड़ा क्षेत्र में वार्ड 21 की हालत काफी खराब है। यहां की कॉलोनियों में नालियां और सीवर की व्यवस्था नहीं है। जलभराव और गंदगी के कारण लोग परेशान हैं। पार्षद ने प्रशासन को कई बार शिकायत की, लेकिन कोई...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठThu, 20 Feb 2025 06:43 PM
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बोले मेरठ : कंकरखेड़ा में कोताही, पॉश कॉलोनियां नरक

कंकरखेड़ा क्षेत्र में नगर निगम का वार्ड 21 बुनियादी जरूरतों से जूझ रहा है। पार्षद से लोग यहां की समस्याएं बताते हैं और वह लोगों की शिकायतों को आगे भी बढ़ाती हैं। बावजूद इसके इस क्षेत्र में समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। यहां की कुछ कॉलोनी में नालियां और सीवर तक नहीं हैं। जलभराव, गंदगी और चोक नालियां इस वार्ड की पहचान बन चुकी हैं। वार्ड के हजारों लोग समस्याओं के समाधान की उम्मीद में जी रहे हैं। वार्ड-21, कंकरखेड़ा क्षेत्र में नगर निगम का बड़ा इलाका है, जहां 25 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं और दस हजार से ज्यादा यहां के मतदाता अपने मत का प्रयोग करते हैं। यहां एक दर्जन से अधिक कॉलोनी हैं, जिनमें कई मोहल्ले आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। वार्ड के हजारों लोग समस्याओं की गहरी खाई में फंसे हुए हैं। यहां के लोगों को हर दिन नई चुनौती का सामना करना पड़ता है। गंदगी से अटी गलियां, टूटी-फूटी सड़कें, गंदा पानी और प्रशासन की बेरुखी। बारिश हो जाए तो कई इलाके तालाब में तब्दील हो जाते हैं। इन मुश्किलों के बावजूद, यहां के लोग आज भी सुविधाएं मिलने की उम्मीद में हैं।

यहां की पार्षद बबीता खन्ना का कहना है कि इलाके में पॉश कॉलोनी भी हैं, लेकिन कई जगहों पर बुनियादी सुविधाओं की दरकार है। प्रशासन और नगर निगम से आए दिन शिकायत करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती। यहां कई पुराने इलाके हैं, यहां आज भी नालियों और सीवरेज की समस्या है। जनता की समस्याओं का समाधान बहुत जरूरी है, जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

वार्ड 21 में एक दर्जन कॉलोनी

वार्ड 21 के तहत आने वाली कॉलोनियों की बात करें तो इनमें मॉडल टाउन, आर्यनगर, रामनगर, मंगलनपुरी, सुंदरनगर, तुलसी कॉलोनी, शार्प कॉलोनी, जगदीशपुरम, न्यू शिवलोकपुरी, डिफेंस कॉलोनी ए, बी, सी ब्लॉक, श्रद्धा एन्क्लेव, चंद्रपाल नगर शामिल हैं। कई इलाकों में बिजली, पीने के पानी और नालियों के बिना सड़कों पर बहते गंदे पानी की निकासी बड़ी समस्या है। इलाके में अतिक्रमण जैसी समस्याएं भी जंजाल बनी हुई हैं।

54 साल पुरानी कॉलोनी का हाल बेहाल

वार्ड नंबर 21 की पॉश कॉलोनी आर्य नगर, जो 1970 बनी थी। यह एक कोऑपरेटिव कॉलोनी है और इसमें अच्छे खासे लोग रहते हैं। इस कॉलोनी के हालात ये हैं कि 54 साल बाद भी यहां सीवर लाइन नहीं है। निकासी के लिए यहां नालियां बनाई गई हैं, वह भी आगे जाकर बंद हो जाती हैं। इस कॉलोनी के रहने वाले डॉ. एमपी ठुकराल, अरविंद पंवार और मोहम्मद इमरान का कहना है कि यहां रहने वाले लोग आए दिन जलभराव से परेशान रहते हैं। कॉलोनी में निकासी का कोई साधन नहीं है, जबकि नगर निगम यहां से हाउस टैक्स की वसूली करता है।

सड़कों पर बहता है गंदा पानी

आर्यनगर निवासी पंकज गर्ग, जीत कुमार और रोहित शर्मा का कहना है कॉलोनी में नालियों की समस्या तो है, यहां सीवर लाइन नहीं होना बड़ी समस्या है। नालियां बंद रहती हैं और इनकी साफ-सफाई के लिए नगर निगम का कोई कर्मचारी नहीं आता। पिछले कई दिनों से इस कॉलोनी में गंदा पानी भरा है, हालात ये है कि छोटे बच्चे इन गंदे पानी से निकलकर जाते हैं। यहां से कॉलोनी के लोग निकल नहीं पाते, मच्छरों और संक्रमण की समस्या भी लगातार बढ़ती जा रही है।

बारिश के दौरान बन जाता है तालाब

यहां रहने वालीं तृप्ता ठुकराल, के. अग्निहोत्री और कृष्णा अग्निहोत्री का कहना है कॉलोनी में साफ-सफाई के अलावा जल निकासी की समस्या से लोग जूझते रहते हैं। अगर बारिश हो जाए तो पूरी कॉलोनी तालाब बन जाती है। यहां की नालियों को शिवलोकपुरी वाले नाले से कनेक्ट किया गया है। उस नाले पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जो पूरी तरह गंदगी के कारण जाम हो चुका है। ऐसे में कॉलोनी का पानी उस नाले से वापस लौट आता है और कॉलोनी में भर जाता है।

गंदगी के साथ बंदर और कुत्तों से परेशान

आर्य नगर निवासी शकुंतला कटोच, सरोज कटोच और शारदा सूरी का कहना है इस कॉलोनी में साफ-सफाई की व्यवस्था खराब होने के साथ बंदरों का बड़ा आतंक है। आए दिन किसी ना किसी को यह काटते रहते हैं। सड़क पर गंदा पानी व जलभराव और छतों पर बंदरों का आतंक लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। बंदरों के साथ कुत्तों की लगातार बढ़ रही संख्या भी बहुत दिक्कतें पैदा कर रही हैं। नगर निगम वाले सुनते नहीं हैं और निदान भी नहीं हो रहा।

बस नाम का सुंदर नगर

वार्ड 21 में ही एक कॉलोनी है सुंदर नगर। इस कॉलोनी में 400-500 घर हैं और 2000 के करीब जनसंख्या है। इस कॉलोनी में कहीं भी सड़क नहीं है, गलियों में गड्ढे और गंदगी जमा है। यहां रहने वाले रामपाल सिंह, राजेंद्र सिंह और ताहर सिंह का कहना है कि यह कॉलोनी साल 2005 से है। आजतक कॉलोनी में नालियां तो दूर सड़क तक नहीं बनी है। सीवर लाइन कहीं है नहीं, बस पानी की लाइन बिछी है जो लोगों को पानी उपलब्ध कराती है। कॉलोनी में रहने वाले लोग घरों के पानी की निकासी के लिए पड़ोस में खाली प्लॉट का सहारा लेते हैं।

बारिश में कॉलोनी बन जाती है तालाब

यहां रहने वाले लोगों का कहना है बारिश का मौसम आते ही यह पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो जाता है। गलियों में भरा गंदा पानी बीमारियों को न्योता देता है। बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता मुश्किल हो जाता है, बुजुर्गों के लिए बाहर निकलना संभव नहीं होता। शिकायतें की जाती हैं, लेकिन हर बार जवाब सिर्फ आश्वासन में मिलता है।

हर तरफ कूड़े का अंबार

सड़कों के किनारे और खाली प्लॉट्स में लगे कूड़े के ढेर दुर्गंध फैलाते हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि आस लिए बैठे हैं कि कभी कोई यहां की बदहाली पर नजर डालेगा। यहां खंभे लगाए गए हैं, लेकिन उन पर स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। बहुत से घरों में लाइटों की केबल बहुत दूर से खींची गई है। शिकायत किए जाने के बावजूद आजतक समाधान नहीं निकल पा रहा है।

समस्या

- वार्ड की कॉलोनियों में सफाई नियमित रूप से नहीं होती

- सीवेज पाइपलाइन और ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था खराब

- बिजली के खंभों पर लाइटिंग की व्यवस्था खराब

- नगर निगम के कर्मचारी और अधिकारी नहीं सुनते

- जलभराव और गंदगी से संक्रमण का बना रहता है खतरा

- कुत्ते और बंदरों के आतंक से परेशान रहते हैं यहां के लोग

समाधान

- वार्ड की सभी कॉलोनियों में सफाई नियमित रूप से होनी चाहिए

- सीवेज पाइपलाइन और ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था सुचारू की जाए

- कॉलोनियों में नालियां और सीवर लाइन डाली जाए

- कॉलोनी और सड़कों के किनारे खंभों पर स्ट्रीट लाइटें सही की जाएं

- कुत्ते और बंदरों को पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाए

लोगों की व्यथा

आर्यनगर कॉलोनी वार्ड 21 में आती है और इसके हालात काफी खराब हैं। यहां कॉलोनी में नालियों का पानी सड़कों पर बहता है, निकासी की व्यवस्था नहीं है। - डॉ. एमके ठकराल

कॉलोनी में जलभराव की समस्या लंबे समय से है, एक तो कॉलोनी में सीवर लाइन नहीं है, ऊपर से नालियों की निकासी भी बंद है। - अरविंद पंवार

नगर निगम में शिकायत करते हैं, यहां के लोग कई-कई बार फोन करके जानकारी देते हैं, इसके बावजूद कॉलोनी के हाल बहुत ही खराब हैं। - मोहम्मद इमरान

कॉलोनी की सड़क पर भरे गंदे पानी से होकर स्कूली बच्चे आते-जाते हैं, इससे उन्हें संक्रमण का खतरा रहता है, ऊपर से कॉलोनी में दुर्गंध फैल रही है। - पंकज गर्ग

पूरी कॉलोनी में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है, पिछले एक महीने से जलभराव है, नगर निगम में सैकड़ों फोन किए, लेकिन कोई सुनता नहीं। - जीत कुमार

नालियां पूरी तरह बंद हैं और उनका गंदा पानी आगे नहीं जा पा रहा है। ऐसे में नालियों का सारा गंदा पानी कॉलोनी की सड़क पर भरा पड़ा है। - रोहित शर्मा

वार्ड में मौजूद सुपरवाइजर को बहुत बार कहा गया, लेकिन सुनने को तैयार ही नहीं हैं, सफाई वालों के लिए भी कहा गया है, जल्द ही सफाई होनी चाहिए। - बबीता खन्ना

कॉलोनी में जलभराव और गंदगी के बीच लोग रह रहे हैं, हालात ये हैं कि लोग बदबू में जी रहे हैं, पता नहीं कब इस गंदगी से छुटकारा मिलेगा। - तृप्ता

वार्ड में मौजूद कॉलोनियों की तरफ नगर निगम ध्यान ही नहीं देता। साफ सफाई के नाम पर एकदम जीरो व्यवस्था है, जिसे सुधारा जाए। - के. अग्निहोत्री

पूरे वार्ड में बंदरों की समस्या बहुत अधिक है, यहां लोगों की जान को बड़ा जोखिम है। छतों पर बंदर और सड़कों पर कुत्ते चैन नहीं लेने देते। - कृष्णा अग्निहोत्री

आर्यनगर कॉलोनी के हाल बहुत ही खराब हैं, जबकि यह बहुत पुरानी कॉलोनी है, जहां से नगर निगम हाउस टैक्स लेता है, लेकिन काम करता नहीं है। - पवन कटोच

कॉलोनी में सड़कों पर भरा हुआ गंदा पानी लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। हालात ये हैं कि इस सड़क से आने-जाने वाले लोग आए दिन चोटिल होते हैं। - शकुंतला कटोच

वार्ड में कई जगहों पर समस्याओं का अंबार है, आर्य नगर कॉलोनी के हाल तो एकदम बुरे हैं, गंदगी और जलभराव से लोग जूझते रहते हैं। - सरोज कटोच

इस कॉलोनी ही नहीं बल्कि पूरे वार्ड में ही बंदरों का आतंक फैला हुआ है। एक सफाई की समस्या ऊपर से बंदरों और कुत्तों के आतंक से लोग परेशान हैं। - शारदा सूरी

सुंदर नगर कॉलोनी वार्ड 21 में आती है, यहां कॉलोनी में कहीं भी सड़क नहीं है। सड़क की बात तो दूर गलियों में खड़ंजे तक भी नहीं हैं। - रामपाल सिंह

यहां ना तो सड़कें हैं, ना ही नालियां हैं। लोगों ने सुविधानुसार अपने घरों के पानी की निकासी खाली प्लॉट में की हुई है। - राजेंद्र सिंह

इस कॉलोनी में साफ-सफाई तो दूर नगर निगम वाले झांकने तक नहीं आते। बरसात में तो यहां तालाब बन जाता है, लोग निकल नहीं पाते। - ताहर सिंह

बहुत लंबे समय से इंतजार है कि इस कॉलोनी में भी सीवर लाइन आएगी और नालियां बनेंगी। कई बार लिखित में दिया गया, लेकिन कुछ हुआ नहीं। - बबलू सिंह

सभी गलियों में लगे खंभों पर स्ट्रीट लाइटें ही नहीं हैं, रात होते ही यहां अंधेरा हो जाता है, जिससे लोगों को बहुत समस्या झेलनी पड़ती है। - सतपाल सिंह

अगर किसी तरह इस कॉलोनी का उद्धार हो जाए तो लोग गंगा नहा लेंगे। इस कॉलोनी की हालत पूरे वार्ड में सबसे बेकार है, बस अब सुधार की उम्मीद ही बाकी है - श्रीचंद सिंह

लोगों ने यहां मकान इसलिए खरीदे थे कि सुविधाएं मिलेंगीं, लेकिन यहां गंदगी और टूटी-फूटी गलियों के अलावा कुछ नहीं है, गंदगी का अंबार रहता है। - भगवत सिंह

बरसात में तो यहां हालत बद से बदतर हो जाती है। गलियों में कई फिट पानी भर जाता है और लोग अपने घरों से भी नहीं निकल पाते। - त्रिलोक चंद

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