निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर फिर दौड़ने लगे वाहन
Meerut News - दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का खंड चार (डासना से मेरठ) तीन साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो सका। इससे लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। यही वजह है कि...
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का खंड चार (डासना से मेरठ) तीन साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो सका। इससे लोगों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। यही वजह है कि अब निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर ही सफर करने लगे हैं। एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाले सभी रास्ते बंद किए तो लोगों ने अवैध कट बना डाले। वह गलत दिशा में वाहन चला रहे हैं। इससे हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। रात में पथ प्रकाश की व्यवस्था नहीं होने से हालात और खराब हो जाते हैं।
डासना से मेरठ तक छह लेन के एक्सप्रेसवे का निर्माण 27 फरवरी वर्ष 2018 को शुरू हुआ। 32 किलोमीटर लंबा खंड मई 2020 तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। लेकिन जमीन अधिग्रहण, मुआवजे का विवाद और प्रदूषण की वजह से निर्माण कार्य तय समय पर पूरा नहीं हो सका। निर्माण कार्य लंबा खिंचा तो लोगों का धैर्य भी जवाब देने लग गया। एक्सप्रेसवे डासन से मेरठ तक तैयार है तो वाहन चालक इसी पर चलने लगे हैं। हालांकि, इंटरचेंज का काम अभी अधूरा है। पथ प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। यही वजह है कि एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाले सभी रास्तों में पत्थर लगाकर बंद करा दिए। इसके बावजूद वाहन चालक मान नहीं रहे। वह मेरठ रोड के जाम से बचने के लिए निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर ही सफर कर रहे हैं। इसके लिए लोगों ने अवैध कट तक बना डाले। एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के लिए इस समय दो रास्ते हैं। पहला कट गोविंदपुरम से आकाशनगर होते हुए डासना रेलवे लाइन के पास से सीधे एक्सप्रेसवे पर जा रहा है। यहां से वाहन चालक प्रवेश करते हैं। दूसरा रास्ता डासना के बाहरी छोर से होकर बना लिया है। यहां रेलिंग काट दी है। एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के बाद वाहन कुछ दूरी तक गलत दिशा में चलते हैं। इस कारण हादसे का डर रहता है।
परतापुर में पत्थर हटाकर निकल रहे वाहन
एनएचएआई ने कुशलिया और परतापुर इंटरचेंज पर पत्थर लगाकर रास्ते बंद कर दिए। वाहन चालक डासना में अवैध कट से चढ़ने के बाद मेरठ के परतापुर तक पहुंच जाते हैं। वहां पर भी पत्थर हैं। लेकिन वाहन चालक पत्थरों को हटाकर निकल जाते हैं।
डासना से लाल कुआं के बीच भटक रहे वाहन
डासना से लाल कुआं के बीच भी वाहन चालक भटक रहे हैं। दरअसल चिपियाना आरओबी को छोड़कर छह लेन का एक्सप्रेस वे तैयार है। यहां डिवाइडर बंद हो गए हैं। अंडरपास चालू नहीं होने से यदि कोई वाहन चालक एक्सप्रेस वे की लेन पर चढ़ जाता है तो उसे लालकुआं के बाद ही कट मिलता है। ऐसे में एशिया कोलंबिया अस्पताल के नजदीक गोल्फ लिंक सोसाइटी के सामने जो कट बना है, उसका लोग विपरीत दिशा में चलने के लिए इस्तेमाल करते हैं। जिससे यहां हर वक्त दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
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मेरठ रोड पर जाम की समस्या रहती है। रैपिड रेल के निर्माण कार्य से भी कई बार जाम लग जाता है। जाम से बचने निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे से होकर मेरठ जा रहे हैं। निर्माण कार्य जल्दी पूरा किया जाए।
-विभोर कुमार, निवासी गोविंदपुरम
निर्माण कार्य की गति बेहद धीमी है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। जाम से मेरठ तक जाने में काफी दिक्कत होती है। मजबूरी में निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
-हरीश रावत, निवासी आकाशनगर
मेरठ एक्सप्रेस वे मोदीनगर तहसील के 13 गांवों से होकर निकल रहा है। काफी प्रयास के बाद गांव भोजपुर में लूप बनवा दिया है। स्थानीय लोग भी एक्सप्रेस वे का लाभ ले सकते हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके शुरू होने के बाद दिल्ली मेरठ मार्ग जाम मुक्त हो जाएगा। कुछ अड़चन जरूरी आ रही है ,लेकिन एनएचएआई द्वारा तय समय सीमा पर ही एक्सप्रेस वे को आम लोगों के लिए चालू करा दिया जाएगा - डॉ. मंजू सिवाच, विधायक मोदीनगर
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