सोहराबगेट डिपो की वर्कशॉप निजी कंपनी के हवाले
आगरा की कंपनी मैसर्स टीकेजी ऑटोमोबाइल्स ने लिया ठेका -अब आउटसोर्स से कराई जाएगी बसों
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) तेजी से निजी क्षेत्र की तरफ जा रहा है। पीपीपी मॉडल में दिए जा रहे बस अड्डों के साथ अब रोडवेज वर्कशॉप को भी आउटसोर्स कंपनियों के हवाले किया जाने लगा है। उत्तर प्रदेश के 20 रोडवेज वर्कशॉप में सोहराबगेट डिपो की वर्कशॉप के संचालन को भी निजी कंपनी को दे दिया गया है। आगरा की टीकेजी ऑटोमोबाइल्स कंपनी अब सोहराबगेट डिपो की वर्कशॉप का न केवल संचालन करेगी बल्कि प्रति बस मेंटीनेंस का 5 रुपये 7 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से भी वसूलेगी। वर्कशॉप में काम करने वाले रोडवेज के तकनीकी स्टाफ को दूसरी वर्कशॉप में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सरकार ने पहले चरण में नोएडा डिपो की वर्कशॉप का निजीकरण किया था। दूसरे चरण में 15 डिपो की वर्कशॉप निजी हाथों में दी गई और अब सोहराबगेट डिपो के साथ छुटमलपुर, एटा और कानपुर का विकास नगर डिपो निजी कंपनियों को सौंपा गया है। अब तक प्रदेश की कुल 20 वर्कशॉप प्राइवेट फर्मों को दी जा चुकी है।
ये डिपो पहले ही जा चुके निजी हाथों में
नजीबाबाद, हरदोई, अवध, जीरो रोड, ताज, साहिबाबाद, बदायूं, देवरिया, वाराणसी कैंट, सुल्तानपुर, बलिया, इटावा, झांसी, बांदा, बलरामपुर, नोएडा, लखनऊ। मेरठ क्षेत्र के सेवा प्रबंधक लोकेश राजपूत ने बताया कि वर्कशॉप में तकनीकी स्टाफ की कमी के चलते बसों की मेंटीनेंस निजी कंपनियों को दी जा रही है। इस कड़ी में सोहराबगेट डिपो की वर्कशॉप भी दी गई है।
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