सनातन भावों का किसी पूजा पद्धति से कोई संबंध नहीं : डॉ.अतुल कृष्ण
Meerut News - सनातन का अर्थ चिरकालिक और शाश्वत है। यह मूल्यों पर आधारित है जैसे प्रेम, करुणा और समानता। लखनऊ में हुए सनातन संगम में विशेषज्ञों ने बताया कि सभी धर्मों का मूल एक है और सनातन धर्म का उद्देश्य लोक...
सनातन का अर्थ है, वह जो चिरकाल से है, जो शाश्वत है जो अपरिवर्तनीय है। प्रकृति द्वारा दिए गए सनातन मूल्य वे हैं जिन पर चलकर व्यक्ति अपना एवं संपूर्ण सृष्टि का मंगल कर सकता है। यह सनातन मूल्य प्रेम, करुणा, मैत्री, समानता सद्भावना एवं समन्वय का है। सनातन भावों का किसी की पूजा पद्धति से कोई संबंध नहीं है। प्राथमिक रूप से यह भाव लौकिक व्यवहार से संबंध रखते हैं। इतिहास को देखा जाए तो सनातन धर्म की स्पष्ट व्याख्या तथागत बुद्ध ने की थी। आज आपसी टकराव के कारण जो अंधकार चारों ओर फैला है उसे मिटाने का काम सनातन संगम की यह ज्योति करेगी। लखनऊ में हुए सनातन संगम न्यास के द्वितीय सनातनी धम्मायोजन में यह बात सनातन संगम न्यास के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने कही। कल्की पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि व्यक्ति बड़ा नहीं होता बल्कि विचार बड़ा होता है, भाव बड़ा होता है। दुनिया में जितने भी धर्म हैं, सही मायने में वो धर्म नहीं हैं, पूरी दुनिया में धर्म एक है। जब परमात्मा एक है तो धर्म अलग-अलग कैसे हो सकते हैं। दुनियाभर में जितने भी धर्म हैं वह सब मानव निर्मित हैं, वह मत हैं, पंथ हैं, संप्रदाय हैं, उन्हें धर्म नहीं कह सकते। जो सत्य है वही शाश्वत है, जो शाश्वत है वही सनातन है।
प्रो.बीएन मिश्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति सबसे निराली है। दुनिया को कुछ देने वाली है भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म। सिटी मांटेसरी स्कूल की संस्थापिका डॉ.भारती गांधी ने कहा कि सभी धर्मों की आधारशिला एक है। सनातन का मतलब सत्य बोलना और सेवा करना है। पूर्व सांसद डॉ.अशोक वाजपेयी ने कहा सभी धर्मों को एक करने की जरूरत है। जब से सृष्टि का निर्माण हुआ तभी से सनातन धर्म इसका संचालन कर रहा है। लोक कल्याण एवं लोकहित के लिए सनातन धर्म आवश्यक है। तरुणेश ने कहा कि सनातन धर्म, जब से संसार है, तभी से है। सभी धर्मों का मूल आधार एक है, विचार एक है। जब तक संसार रहेगा, तब तक सनातन रहेगा। दुनिया के अन्य धर्म अपरिवर्तनीय हैं जबकि भारतीय धर्म परिवर्तनशील है। भाजपा नेता गोविंद नारायण शुक्ला, भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, सीएमएस विद्यालय की संस्थापिका गीता गांधी ने भी संबोधित किया। डॉ.विवेक कुमार बफर, देवेश कुमार दीक्षित, कृष्णा नन्द पाठक, अजय त्रिपाठी मुन्ना, ज्योतिरादित्य यादव, आदित्य वाजपेयी मौजूद रहे।
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