मेरठ :एनईपी की नहीं मिल रही मार्कशीट, भटक रहे छात्र
मेरठ मंडल के कॉलेजों के हजारों छात्र चौधरी चरण सिंह विवि में मार्कशीट के मुद्दे में फंसे हुए हैं। बिना कैंपस आए मार्कशीट नहीं मिल रही और कॉलेजों को सूचनाएं नहीं दी जा रही हैं। फेडरेशन ने विवि प्रशासन...
मेरठ मंडल से संबद्ध कॉलेजों के हजारों छात्र चौधरी चरण सिंह विवि कैंपस में जारी मार्कशीट के खेल में फंस गए हैं। एक्स और बैक की मार्कशीट छात्रों को बिना कैंपस आए जारी नहीं की जा रही। कॉलेजों द्वारा सूची सहित माइग्रेशन देने के बावजूद छात्रों का यह महत्वपूर्ण पेपर गायब हो रहा है। हजारों छात्रों को विवि ने डिटेन श्रेणी में डाल दिया है, लेकिन कॉलेजों को इसकी सूचना तक नहीं दी जा रही। रिजल्ट सही करा मार्कशीट जारी कराने के लिए प्रतिदिन हजारों छात्र किराया खर्च कर कैंपस पहुंच रहे हैं। मार्कशीट के लिए ऑनलाइन आवेदन का लिंक भी विवि में नहीं चल रहा। एनईपी, एक्स, बैक की मार्कशीट के लिए कैंपस में भटक रहे हजारों छात्रों पर सेल्फ फाइनेंस कॉलेज फेडरेशन ने सवाल उठाए हैं। कुलाधिपति, कुलपति और रजिस्ट्रार को फेडरेशन ने बिंदुवार कैंपस में मार्कशीट देने के नाम पर जारी खेल पर आपत्ति जताई है। फेडरेशन अध्यक्ष नितिन यादव, सचिव डॉ. आनंद सिंह एवं डॉ.राजीव गुप्ता ने दावा किया कि इस खेल में छह सौ कॉलेजों के उन हजारों छात्रों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है जो कैंपस जाने की स्थिति में भी नहीं हैं।
फेडरेशन के अनुसार विवि में पहले कॉलेजों के लिए विंडो की व्यवस्था थी, जिसमें संबंधित कॉलेज के आवेदन लेते हुए मार्कशीट जारी की जाती थी। इसमें कॉलेज अपने सभी प्रभावित छात्रों के प्रमाण पत्र देता था, लेकिन इसे एकाएक बंद कर दिया गया। कॉलेजों में हर विषय में अधिकांश छात्रों को डिटेन किया जा रहा है और उसकी सूचना उन्हें नहीं दी जा रही।
फेडरेशन ने आरोप लगाया कि इस खेल में कैंपस के कुछ लोग शामिल हैं जो एक-एक छात्र को मेरठ बुलाकर एक-एक चार्ट अपडेट कर रहे हैं। फेडरेशन के अनुसार यह छात्रों का खुलेआम शोषण है और विवि व्यवस्था को नहीं सुधार रहा।
फेडरेशन के अनुसार विवि ने खुद छात्रों को सीधे कैंपस नहीं भेजने के आदेश दिए हुए हैं, लेकिन इसे माना नहीं जा रहा। फेडरेशन ने कैंपस में एकल विंडो शुरू करने और छात्रों के प्रत्यावेदन कॉलेजों के जरिए लेकर मार्कशीट कॉलेजों में भेजने की मांग की। फेडरेशन के अनुसार सीसीएसयू एक-एक छात्र की मार्कशीट को मैन्युअल अपडेट कर रहा है, जबकि कानपुर विवि में वर्षों पहले यह सब ऑनलाइन हो चुका है।
फेडरेशन के अनुसार विवि एक्स, बैक की मार्कशीट भी कॉलेजों को नहीं दे रहा और बिना छात्र के कैंपस पहुंचे उनका रिजल्ट अपडेट नहीं किया जा रहा। फेडरेशन के अनुसार छात्रों पर यह दबाव क्यों बनाया जा रहा है। फेडरेशन के अनुसार अकेले बीएड में 20 हजार से अधिक छात्रों की मार्कशीट डिटेन हैं। इसमें भी अधिकांश में माइग्रेशन नहीं होना बताया जा रहा है, जबकि कॉलेजों के पास माइग्रेशन जमा करने के सुबूत हैं। वहीं, विवि प्रशासन ने दावा किया कि अधिकांश छात्रों को मार्कशीट जारी की जा चुकी हैं। विवि ऑनलाइन सिस्टम पर काम कर रहा है।
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