धर्म प्रमाण पत्र की शर्तों में उलझे अभ्यर्थी
प्रादेशिक सेना की भर्ती में शामिल होने वाले युवाओं को धर्म और चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अभ्यर्थियों को अधिकारियों के पास चक्कर लगाना पड़ रहा है और उनकी समस्याओं का...
प्रादेशिक सेना यानी टेरिटोरियल आर्मी की भर्ती की तैयारी में जुटे युवाओं के सामने प्रमाण पत्र बनवाने में बड़ी समस्या पेश आ रही है। अभ्यार्थी धर्म प्रमाण पत्र व चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए धक्के खा रहे हैं। कुछ न कुछ खामियां बताकर उन्हें टरकाया जा रहा है। परेशान अभ्यार्थियों ने गुरुवार को डीएम, एसडीएम से मिलने की बात कही है। उधर, इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि धर्म प्रमाण पत्र को लेकर कोई आदेश नहीं है। 20-27 नवंबर को मध्य प्रदेश के सागर, बिहार के दानापुर और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए प्रादेशिक सेवा की भर्ती आयोजित की जा रही है। भर्ती की तैयारी करने में जुटे क्षेत्र के युवा इस समय असमंजस की स्थिति में हैं। प्रवेश, मोहित, अभिषेक, हरीश, निशांत, नितिन, कामिल, जाहिद, दीपक,निखिल आदि ने बताया कि अन्य राज्यों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद अभ्यर्थियों से धर्म प्रमाण पत्र मांगा गया है। धर्म प्रमाण पत्र नहीं दिखाने पर फिजिकल टेस्ट पास करने वाले अभ्यर्थियों को भी भर्ती से बाहर कर दिया गया। अब वे भर्ती में शामिल होने से पूर्व धर्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। कुछ न कुछ बात बताकर उन्हें टरकाया जा रहा है। अभ्यर्थियों ने बताया कि धर्म प्रमाण पत्र जारी करने से पूर्व तहसीलकर्मियों ने चरित्र प्रमाण पत्र दिखाने को कहा है, जबकि चरित्र प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन करने के करीब 14 दिन बाद जारी किया जाता है। ऐसे में वह भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग करने से वंचित रह जाएंगे। उन्होंने गुरुवार को डीएम दीपक मीणा से शिकायत करने की बात कही है। उधर, तहसील के अधिकारियों का कहना है कि धर्म प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है। ऐसे में उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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