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बोले मेरठ : शिक्षकों को इंतजार, कब मिलेगा पुरानी पेंशन का अधिकार

Meerut News - मेरठ में शिक्षकों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली, पदोन्नति और वेतनमान की समस्याओं के समाधान की मांग की है। माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों ने अपने अधिकारों के लिए बीएसए और उप शिक्षा निदेशक...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठTue, 6 May 2025 07:17 PM
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बोले मेरठ : शिक्षकों को इंतजार, कब मिलेगा पुरानी पेंशन का अधिकार

मेरठ। शिक्षक, जो शहर, गांव और देहात में न केवल ज्ञान के दीपक जलाते हैं, बल्कि एक बेहतर समाज की नींव भी रखते हैं। आज वही शिक्षक अपनी पदोन्नति, चयन वेतनमान और पुरानी पेंशन जैसी समस्याओं के लिए लड़ रहे हैं। अपनी इसी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर हुंकार भरी। माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों ने उप शिक्षा निदेशक कार्यालय पर, तो प्राथमिक शिक्षकों ने बीएसए कार्यालय पर इकट्ठा होकर अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। माध्यमिक विद्यालयों के छह जिलों से आए अध्यापकों नें उप शिक्षा निदेशक कार्यालय पर अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरी।

जहां अपनी मांगों को रखते हुए उनके समाधान की मांग की। देखा जाए तो मेरठ जिले में 132 माध्यमिक एडेड विद्यालय हैं, साथ ही 220 के करीब वित्तविहीन मान्यता प्राप्त कॉलेज हैं। जिनमें करीब 3500 के करीब कार्यरत अध्यापक बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। वहीं ये माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक आज अपनी समस्याओं के निस्तारण और जवाबदेही मांग उठाते नजर आए। सभी माध्यमिक शिक्षक पुरानी पेंशन योजना की बहाली, समय पर वेतनवृद्धि और अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। यह शिक्षकों की सिर्फ मांगे नहीं, बल्कि आत्मसम्मान से जुड़ी जरूरतें भी हैं, जिसका वे पूर्ण निस्तारण चाहते हैं। पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यक्ष एवं प्रदेशीय अनुशासन समिति के संयोजक रमेश चंद्र शर्मा, मंडलीय मंत्री डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा, जिला मंत्री राजेश कुमार शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष रेखा शर्मा, डॉ. कामेश्वर त्यागी का कहना है कि शिक्षकों को विभाग से लेकर शासन तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सेवानिवृत्ति, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की पेंशन, जीपीएफ एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों के नोशनल वेतन वृद्धि प्रकरण की धीमी गति से जूझना पड़ता है। शिक्षकों का कहना है कि पुरानी पेंशन की बहाली हो और सेवा सुरक्षा की धारा 12,18 एवं 21 की अधिनियमित व्यवस्था के साथ ही निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और स्थानांतरण का सरलीकरण होना चाहिए। शिक्षकों की समस्याओं का हो जल्द निस्तारण शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से शिक्षकों के प्रमोशन बंद पड़े हैं। वहीं काफी समय से नए चयन आयोग के प्रावधान लागू नहीं हुए और पुराना आयोग खत्म कर दिया गया है। इससे शिक्षकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सेवानिवृत्त शिक्षकों की नोसनल वेतन वृद्धि की समस्या का समाधान होना चाहिए। साथ ही शिक्षकों के स्थानान्तरण नीति का सरलीकरण किया जाए, ताकि अध्यापकों को परेशानी ना हो। इसके साथ ही सामूहिक बीमा व्यवस्था को दुबारा लागू किया जाना चाहिए। मिले सामूहिक बीमा का लाभ अध्यापकों का कहना है कि सामूहिक बीमा राशि की फाइलों का निस्तारण होना चाहिए। रिटायर अध्यापकों को भटकना पड़ता है। अगर विभाग में ऑनलाइन पोर्टल पर ई-फाइलिंग की व्यवस्था हो जाए, तो अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जिससे रिश्वत और भ्रष्टाचार कम होगा, क्योंकि ई-फाइलिंग में ऑनलाइन मॉनिटरिंग होती है, जिसमें जवाबदेही भी तय होगी। सभी समस्याओं का समाधान होना चाहिए। मिले पुरानी पेंशन, कम हो टेंशन माध्यमिक शिक्षक का कहना है कि एक अध्यापक के लिए पेंशन बुढ़ापे की लाठी होती है। सभी शिक्षक पुरानी पेंशन चाहते हैं, ताकि रिटायरमेंर्ट के बाद उनका भविष्य बेहतर हो सके। यह मांग पूरे प्रदेश के अध्यापकों की है, जिसका समाधान होना चाहिए। इस दौरान शिक्षक राजकुमार राणा, संजीव कुमार, केडी शुक्ला, वीरपाल सिंह, प्रद्युमन सिंह, अंकुर गोयल, आनंद शर्मा, वीर सिंह, मुदित शर्मा, शरद कुमार बाजपेई, रवीश कुमार शर्मा, डॉ. प्रेम सिंह, कृष्ण द्विवेदी, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र सिंह, अनिल कुमार सिंह, शिव कुमार, अजय कुमार जायसवाल, उमेश कुमार, सत्यवीर सिंह, रविदत्त, सुबोध गुप्ता, उमेश गिरी, विजय शंकर उपाध्याय, कामेश्वर शर्मा ने भी पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा उठाया। बोले शिक्षक शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना चाहिए, जिससे रिटायरमेंट के बाद लाभ मिल सके और जीवन में आर्थिक समस्या का सामाना ना करना पड़े। - राजेश कुमार शर्मा माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के ऑनलाइन स्थानांतरण की व्यवस्था को सरल किया जाना चाहिए। साथ ही उसकी विसंगतियां दूर की जाए और सभी को अवसर मिलें। - अजीत चौधरी पूरे प्रदेश में शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में ई-फाइलिंग की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार को पूर्ण रूप से रोका जा सके, वहीं अधिकारियों की जवाबदेही बने। - विश्वजीत सिंह माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा होनी चाहिए और 2014 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों की सामूहिक बीमा कटौती शुरू की जानी चाहिए, सभी को लाभ मिले। - प्रमोद कुमार सिंह एनपीएस के लिए होने वाली कटौती के अनुसार शिक्षकों का 14 प्रतिशत राज्यांश का अंशदान प्रतिमाह वेतन के साथ खातों में भेजा जाए, ताकि शिक्षकों को बाद में कोई समस्या ना हो। - नितिन देशवाल वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था होनी चाहिए, रिटायर शिक्षकों मिलने वाली नोसनल वेतन वृद्धि के मामले का निस्तारण होना चाहिए। - अरविंद गौरव सभी शिक्षकों के जीपीएफ खातों की देखरेख और अग्रिम निकासी की व्यवस्था, अंतिम भुगतान की व्यवस्था को ऑनलाइन माध्यम से हो और उसे सरल बनाया जाए, ताकि असुविधा ना हो। - सुखेंद्र पाल सिंह, प्रधानाचार्य केवी इंटर कॉलेज, महलवाला शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए नई पेंशन योजना को समाप्त किया जाना चाहिए, शिक्षक चाहते हैं कि पुरानी पेंशन योजना लागू हो, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके। - रमेश कुमार, प्रधानाचार्य बीएवी इंटर कॉलेज समस्याएं - सेवानिवृत प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को पेंशन व जीपीएफ में समस्याएं - नोशनल वेतन वृद्धि को लेकर सेवानिवृत्त शिक्षकों की समस्याएं ज्यादा - शिक्षकों के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था नहीं हैं - माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की स्थानान्तरण नीति कठिन है - विद्यालयों में शिक्षको के लिए सामूहिक बीमा योजना लागू नहीं है - विद्यालयों में शिक्षकों को नई पेंशन योजना के तहत जोड़ा गया है - सूबे में मौजूद तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण नहीं हो पा रहा - वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों को कम वेतन दिया जाता है सुझाव - सेवानिवृत प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की पेंशन व जीपीएफ का निस्तारण हो - सेवानिवृत्त शिक्षकों की नोशनल वेतन वृद्धि के मामलों का निस्तारण हो - शिक्षकों के लिए निशुल्क चिकित्सा सुविधा लागू की जानी चाहिए - शिक्षकों की स्थानान्तरण नीति का सरलीकरण किया जाए - शिक्षको के लिए सामूहिक बीमा योजना को पुनः लागू किया जाए - शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना चाहिए - सूबे में मौजूद तदर्थ शिक्षकों का विनियमितिकरण किया जाना चाहिए - वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन मिले --------------------------------------------------------- प्राथमिक शिक्षक मेरठ जिले में बेसिक शिक्षा की बात करें तो पूरे जनपद में 1068 सरकारी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय मौजूद हैं। वहीं इन सरकारी विद्यालयों में करीब 96 हजार बच्चे पढ़ रहे हैं और उन बच्चों को 4200 के करीब अध्यापक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। एक शिक्षक जब बच्चे के जीवन को संवारने की जिम्मेदारी उठाता है, तो उसकी उम्मीद होती है, कि उसके अपने अधिकार भी सुरक्षित होंगे। जिले में जो शिक्षक वर्षों से सेवा दे रहे हैं, अब भी अपने स्थानांतरण, वेतनमान, और पदोन्नति के लिए विभागीय आदेशों की बाट जोह रहे हैं। किसी का प्रमोशन हो चुका है, लेकिन कार्यभार नहीं मिला, किसी का स्थानांतरण हुआ, लेकिन आदेश अधूरा है। यह वे शिक्षक हैं, जो दूर-दराज और सीमावर्ती इलाकों में भी जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बहाल हो पुरानी पेंशन प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश तोमर, मंत्री डॉ. सविता शर्मा और रजपुरा ब्लॉक के अध्यक्ष कृष्ण गोपाल सिंह के साथ सैकड़ों अध्यापकों ने बीएसए कार्यालय पर इकट्ठा होकर अपनी मांगों को रखा। शिक्षकों का कहना है, कि शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल की जाए, कोरोना काल में बढ़ाए गए विद्यालयों के समय को पुनः यथावत किया जाए, 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए, वरिष्ठता सूची तत्काल प्रभाव से जारी की जाए, छात्रों के प्रवेश में आधार कार्ड की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए, इन समस्याओं का हर तरह से समाधान हो। तबादला व चयन वेतनमान की प्रक्रिया हो सरल शिक्षक शैलेंद्र चौधरी, प्रदीप पूनिया, धर्मवीर सिंह, वीरेंद्र सिंह, मीनाक्षी पंवार, दीपक तोमर, आशू सिद्धू, पिंकी साग, सरिता शर्मा और गौरव सिंह का कहना है कि शिक्षकों के पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी होनी चाहिए। साथ ही चयन वेतनमान की प्रक्रिया सरल बनाई जाए, ताकि अध्यापकों को चक्कर ना काटने पड़ें। वहीं 1 अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए सामूहिक बीमा लागू हो और दिव्यांग शिक्षकों को मिलने वाले भत्ते में बढ़ोतरी की जाए जानी चाहिए। ये शिक्षकों की वाजिब मांगें हैं और इनका समाधान पूरी तरह से हो। गैर शैक्षणिक कार्यों से मिले राहत शिक्षकों का कहना है कि गैर शैक्षणिक कार्यों की अधिकता से शिक्षक मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। कभी जनगणना में तो कभी चुनावी कार्यों में, कभी राशन कार्ड बनवाने में तो कभी मिड डे मील के आंकड़े इकट्ठा करने में ही शिक्षक उलझे रहते हैं। उनके पास कक्षा में जाने, बच्चों को समझाने और उन्हें एक बेहतर भविष्य देने का समय ही नहीं बचता। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए। ताकि शिक्षक अपनी असल जिम्मेदारी, यानी बच्चों की पढ़ाई और समग्र विकास, से विमुख ना हों। प्राथमिक शिक्षकों की मांगें - शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए - कोरोना से पहले के विद्यालय समय को यथावत किया जाए - 12 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए - वरिष्ठता सूची तत्काल प्रभाव से जारी की जाए - छात्रों के प्रवेश में आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त हो - शिक्षकों के पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी हो। - चयन वेतनमान की प्रक्रिया सरल बनाई जाए। - 1 अप्रैल 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों के लिए सामूहिक बीमा लागू हो। - दिव्यांग शिक्षकों को मिलने वाले भत्ते में बढ़ोतरी की जाए। ये बोले शिक्षक सभी शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए, साथ ही अध्यापकों की पदोन्नति जो वर्षों से लंबित पड़ी है उसको तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए, ताकि शिक्षकों को लाभ मिल सके। - कृष्ण गोपाल सिंह पुरानी पेंशन शिक्षकों का अधिकार है, उन्हें मिलना चाहिए नई पेंशन में भविष्य अंधकार में है, इसलिए सभी शिक्षकों के भविष्य को देखते हुए उनके लिए पुरानी पेंशन लागू की जानी चाहिए। - राकेश तोमर, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ जिले में जो शिक्षक वर्षों से सेवा दे रहे हैं, अब भी अपने स्थानांतरण, वेतनमान, और पदोन्नति के लिए विभागीय आदेशों की बाट देखते रहते हैं। उनकी समस्या का समाधान होना चाहिए। - शैलेंद्र चौधरी शिक्षकों के चयन वेतनमान, उनकी पदोन्नति संबंधित समस्याओं का निस्तारण जल्द होना चाहिए, काफी समय से शिक्षकों को इस संबंध में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। - गौरव सिंह छात्रों के प्रवेश में आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त होनी चाहिए, साथ ही नामांकन आयु छह साल से कम होनी चाहिए, आधार कार्ड की अनिवार्यता के कारण कई सारी दिक्कतें सामने आती हैं। - प्रदीप पूनिया जिले में शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पाता है, कई बार संपदा पोर्टल काम नहीं करता है, जिसके चलते शिक्षकों की समस्याएं जस की तस बनी रहती है, समाधान होना चाहिए। - धर्मबीर सिंह शिक्षकों के पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी होनी चाहिए, साथ ही चयन वेतनमान की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाए, वहीं शिक्षकों के लिए सामूहिक बीमा व्यवस्था लागू की जाए। - वीरेंद्र सिंह कोरोना काल से पहले विद्यालय के समय को लागू किया जाए, साथ ही जिन शिक्षकों की 12 वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी है उनको प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए और समस्या का समाधान हो। - गौरव सिंह शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तत्काल प्रभाव से जारी की जाए, साथ ही अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण प्रक्रिया शुरू की जाए। पोर्टल पर आने वाली समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। - मीनाक्षी पंवार शिक्षकों की विभाग संबंधी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाए, ताकि उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर ना लगाने पड़ें, जिससे उनका शिक्षण कार्य भी प्रभावित ना हो। - दीपक तोमर

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