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एएसडी डिवाइस का सफल प्रत्यारोपण कर मरीज की जान बचाई

Meerut News - मेरठ की 22 वर्षीय लक्ष्मी को सांस फूलने की समस्या थी। कई अस्पतालों में इलाज के बाद भी राहत नहीं मिली। मेडिकल कॉलेज में डॉ. धीरज सोनी ने ईको जांच में दिल में एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट (एएसडी) पाया। एएसडी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSat, 1 March 2025 03:45 AM
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एएसडी डिवाइस का सफल प्रत्यारोपण कर मरीज की जान बचाई

एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में एएसडी डिवाइस का सफल प्रत्यारोपण कर मरीज की जान बचाई। मेरठ निवासी 22 वर्षीय लक्ष्मी काफी समय से सांस फूलने की समस्या से परेशान थी। कई निजी अस्पतालों में इलाज कराने के बाद भी आराम नहीं हो पा रहा था। लक्ष्मी ने मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. धीरज सोनी से ओपीडी में परामर्श लिया। डॉ. सोनी ने बताया कि लक्ष्मी की ईको जांच की गई। ईको जांच में दिल में काफी बड़ा छेद था, जिसको एएसडी (एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट) कहा जाता है। यह हृदय का जन्मजात दोष है। एएसडी के कारण बचपन में कोई खास लक्षण नहीं दिखते। हालांकि इसमें मरीज को सांस फूलना, घबराहट, धड़कन बढ़ना, चक्कर आना आदि जैसी शिकायतें होती हैं। लक्ष्मी को एएसडी डिवाइस लगा गया। अब मरीज अब पूरी तरह से ठीक है। निजी अस्पताल में डिवाइस क्लोजर प्रक्रिया का खर्चा लगभग दो से ढाई लाख रुपए का आता है परंतु मेडिकल अस्पताल में मरीज को यह डिवाइस क्लोजर सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के क्रम में बिल्कुल फ्री लगाया गया। कर्डियोलॉजी विभाग की सफलता के लिए प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता, एसआईसी डॉ. धीरज राज, प्रेस प्रवक्ता डॉ. अरविंद कुमार ने शुभकामनाएं दी।

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