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बिजनौर में भी सुभारती विवि, देहरादून में डिफेंस एकेडमी

Meerut News - सुभारती विवि, मेरठ, अब बिजनौर में विस्तार कर रहा है। यहां देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर सुभारती विवि की स्थापना होगी। साथ ही, देहरादून में एक डिफेंस एकेडमी खोली जाएगी जो युवाओं को...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSun, 10 Nov 2024 02:16 AM
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ट्रेडिशनल-प्रोफेशनल और मेडिकल सहित उच्च शिक्षा में मेरठ में पहचान बना चुका सुभारती विवि बिजनौर में दस्तक देने जा रहा है। अगले वर्ष सुभारती विवि बिजनौर में पहुंच जाएगा। बिजनौर में सुभारती विवि देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के नाम पर प्रस्तावित है। देहरादून में सुभारती विवि डिफेंस एकेडमी स्थापित करेगा। यह एकेडमी सेना के तीनों अंगों के लिए युवाओं को शिक्षित-प्रशिक्षित करेगी। ड्रोन से लेकर आधुनिक उपकरण तक का प्रशिक्षण इस एकेडमी में मिलेगा। यह एकेडमी बीहाइव ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूशन में शुरू होगी। शनिवार को हिन्दुस्तान कार्यालय पहुंचे सुभारती समूह के संस्थापक डॉ.अतुल कृष्ण ने उक्त योजना साझा की। डॉ.अतुल कृष्ण के अनुसार उक्त सभी की प्रक्रियाएं अंतिम चरण में हैं। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण चाहिए तो सुभारती आइए

डॉ.अतुल कृष्ण के अनुसार मेरठ में सुभारती विवि ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण शुरू किया है। सुभारती विवि कैंपस में जारी डिफेंस एकेडमी में कोई भी व्यक्ति आत्मरक्षा का प्रशिक्षण पा सकता है। तीन, छह एवं 15 दिन के इस प्रशिक्षण में विशेषज्ञ आपातस्थिति में खुद की रक्षा करने का प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण एक घंटे का होगा। इसके लिए मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है, यदि कोई व्यक्ति इसे देने की स्थिति में नहीं है तो उसे निशुल्क प्रशिक्षण मिलेगा। डॉ.अतुल कृष्ण के अनुसार कई बार लोगों ने आपातस्थिति का सामना किया। ऐसी स्थिति में लोगों को जिनसे सुरक्षा की उम्मीद थी वे नहीं मिले। ऐसे में सुभारती लोगों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना की प्रक्रिया में जुटा है।

युवाओं में बोने हैं चरित्र निर्माण, राष्ट्र प्रथम के बीज

उन्मुक्त भारत द्वारा जारी चरित्रशाला पर डॉ.अतुल कृष्ण ने कहा कि उनका उद्देश्य युवा विशेष रूप से बच्चों में राष्ट्र प्रथम-सदैव प्रथम और राष्ट्रीय चरित्र निर्माण का बीजारोपण करना है। इसी क्रम में स्कूलों को लक्षित किया गया है। आजादी के बाद राष्ट्रीय चरित्र निर्माण का प्रयास नहीं हुआ। हमें बताया गया कि आजादी तो बिना खड़ग, बिना ढाल मिल गई। यदि कोई चीज बिना संघर्ष मिल जाए तो उसका कोई सम्मान नहीं करता। यही कारण है कि संघर्ष, बलिदान से मिली आजादी का मोल हमने समझा ही नहीं। देश में तीन स्वतंत्रता आंदोलन हुए, लेकिन इतिहासकारों ने केवल एक को पढ़ाया। डॉ.अतुल कृष्ण के अनुसार लोगों में एकता, समन्वय और भाईचारे के लिए सनातन संगम न्यास बनाया है। प्रेम, करुणा, मैत्रीय, समानता, सद्भावना एवं समन्वय ये छह बात जिसमें हैं वही सनातन है। यदि हम सभी, चाहे वह किसी भी धर्म, संप्रदाय, मत, मजहब के हों, यदि इन छह बातों को मानते हैं तो कोई झगड़ा नहीं है। सब सनातनी हैं।

बच्चों को शहीद उपवन का भ्रमण

डॉ.अतुल कृष्ण के अनुसार बच्चों को आजादी के सच्चे इतिहास से अवगत कराने के लिए स्कूलों को विवि से जोड़ा जा रहा है। स्कूलों के बच्चे, शिक्षक, प्रिंसीपल एवं चेयरमैन को सुभारती विवि अपने संसाधनों से कैंपस लाएगा। यहां उन्हें शहीद उपवन और क्रांतिकारी एवं महापुरुषों के नाम पर दर्ज कोने-कोने से इतिहास को बताया जाएगा। सुभारती विवि में शहीद उपवन बनाया गया है।

विजेताओ को दिए स्मार्ट फोन

इस दौरान डॉ.अतुल कृष्ण ने हिन्दुस्तान फेस्टीवल ऑफ गिफ्ट्स के विजेताओं को स्मार्टफोन भी सौंपे। उन्होंने 28 अक्तूबर के विजेता पुलकित गोयल, 29 के मनन, 30 के विनीत पाल एवं 31 अक्तूबर के लिए हरिओम सिंह को फोन सौंपते हुए शुभकामनाएं दी। कहा मोबाइल का सही प्रयोग उन्हें एक कदम आगे ले जा सकता है।

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