Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मेरठSowing of sugar free sugarcane will be done in Mawana region

मवाना परिक्षेत्र में होगी रोग मुक्त गन्ने की बुवाई

मवाना परिक्षेत्र में रोग मुक्त गन्ने की बुवाई कराने को किसानों को टिप दिए जा रहे हैं। गन्ने की प्रजाति को-0238 को रोग रहित एवं अच्छी पैदावार के लिए मवाना शुगर मिल प्रबंधन ने निकटवर्ती गांव जयसिंहपुर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठWed, 4 March 2020 02:09 AM
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मवाना परिक्षेत्र में रोग मुक्त गन्ने की बुवाई कराने को किसानों को टिप दिए जा रहे हैं। गन्ने की प्रजाति को-0238 को रोग रहित एवं अच्छी पैदावार के लिए मवाना शुगर मिल प्रबंधन ने निकटवर्ती गांव जयसिंहपुर में सिंगल बड सिडलिंग की पौधशाला की स्थापना की है। इस साल पौधशाला से 25 लाख सिंगल बड सिडलिंग कृषकों को अनुदानित दर पर ऋण उपलब्ध कराने की योजना है।

गन्ना प्रजाति को-0238 में संभावित रोगों जीएसडी, रमट, रेड रॉट आदि की रोकथाम और इस प्रजाति से लम्बे समय तक अच्छा उत्पादन करने के उद्देश्य से मवाना मिल ने रोग मुक्त गन्ना बुवाई अभियान चलाया है। चीनी मिल द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बुवाई पद्धति की जानकारी दी जा रही है। इस वर्ष को-0238 के अलावा को-0118 और को-शे-8272 अगेती प्रजातियों की सिडलिंग बुवाई के लिए उपलब्ध रहेगी।

अपर महाप्रबंधक (गन्ना) अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि सिंगल बड सिडलिंग विधि द्वारा प्रति एकड़ बुवाई के लिए छह हजार पौधे की आवश्यकता होगी तथा प्रति बीघा 12 सौ पौधे की रोपाई की जा सकेगी, जिससे स्थापित नर्सरी से किसान रोग मुक्त फसल उत्पादन कर सकेंगे। गन्ना प्रजाति को-0238 से ज्यादा समय तक लाभ ले सकेंगे।

किसानों को दिए टिप्स

प्रत्येक किसान को बसंतकालीन गन्ना बुवाई में को-0238 का रकबा कम करते हुए अन्य गन्ना प्रजाति को-0118, को-शा-8272, को-एच-160, को-98014 एवं कोपीबी-91 की भी बुवाई करनी चाहिए।

-प्रत्येक किसान को अपनी जरूरत के अनुसार गन्ना बीज पौधशाला की स्थापना अवश्य करनी चाहिए।

-सामान्य गन्ने की बुवाई भी बीज की छटाई व उपचारित करने के पश्चात ही करें।

-गन्ने की बुवाई हमेशा मोटे, स्वस्थ एवं निरोगी गन्ने से ही करें।

-गन्ने के बाद उसी फसल की बुवाई नहीं करनी चाहिए, किसान फसल चक्र अवश्य अपनाएं।

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