स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन संपन्न, इंदौर और मुंबई की टीमों ने पाया प्रथम स्थान
Meerut News - विजेताओं को मिली एक-एक लाख रुपये की राशि मोदीपुरम, संवाददाता शोभित विश्वविद्यालय में आयोजित
शोभित विश्वविद्यालय में आयोजित स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2024 का गुरुवार रात समापन हो गया। छात्रों ने मूक बधिर के लिए समाधान ढूंढे। मुंबई और इंदौर की टीमों ने समस्याओं के समाधान में प्रथम स्थान हासिल किया। विजेता टीमों को एक-एक लाख रुपये की राशि दी गई। प्रतियोगिता में पांच प्रमुख समस्याओं को लेकर लक्ष्य दिया था, जिसमें पांच टीमों ने सर्वश्रेष्ठ समाधान ढूंढ कर प्रतियोगिता को सफल बनाया। प्रतियोगिता में देशभर के 12 राज्यों से 250 से अधिक प्रतिभाशाली छात्रों ने भाग लिया। इन समस्याओं में स्पीच लैंग्वेज थेरेपी का डिजिटलीकरण, ऑडियो-विज़ुअल सामग्री का भारतीय सांकेतिक भाषा में रूपांतरण, भारतीय सांकेतिक भाषा से टेक्स्ट-स्पीच में अनुवाद, दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्मार्ट समाधान, शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए सहायक तकनीक रही। स्पीच लैंग्वेज थेरेपी का डिजिटलीकरण में टीम इनोवा ने सर्वश्रेष्ठ समाधान प्रस्तुत किया। भारतीय सांकेतिक भाषा से टेक्स्ट/स्पीच में अनुवाद में इंदौर की टीम फेलिसिया ने सबसे सफल समाधान दिया। इस टीम ने ऐसा प्रोटोटाइप विकसित किया, जो भारतीय सांकेतिक भाषा के शब्दों को टेक्स्ट और स्पीच में अनुवादित कर सकता है। दृष्टिबाधित के लिए स्मार्ट समाधान में कृष्ण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस टीम द्वारा दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए स्मार्ट उपकरणों का विकास किया गया, जो उनकी दैनिक गतिविधियों में सहायक होंगे। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे। शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए सहायक तकनीक समस्या में बंगाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता की टीम इनोवेटर्स ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल रहे। उन्होंने कहा हमारे देश में अवसरों की कमी नहीं रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया। शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि अगर किसी टीम का सॉल्यूशन सलेक्ट न हुआ है तो उस टीम को हताश होने की अवश्यकता नहीं है। सभी सॉल्यूशन उतने ही महत्वपूर्ण हैं। हमें एक दूसरे का हैंड होल्ड करने की आवश्यकता है। उन्होंने छात्रों को नवाचारों के लिए बधाई दी। पांच विजेता टीमों को एक लाख का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. वाई विमला, रमन शर्मा, डॉ ममता बंसल, अभिनव पाठक, पवन कुमार, राज किशोर सिंह, डॉ दिव्या प्रकाश, डॉ अशोक कुमार गुप्ता, डॉ अनुज गोयल, डॉ नेहा त्यागी, अमित गर्ग का सहयोग रहा।
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