सुभारती विवि में शुरू हुए पालि के तीन कोर्स
Meerut News - मेरठ में सुभारती विवि के सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग में प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और बौद्ध शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन पालि-आधारित पाठ्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। इसमें एमए इन पालि, छह...
मेरठ। सुभारती विवि के सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग में गुरुवार को प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा और बौद्ध शिक्षा को पुनर्जीवित करने एवं बढ़ावा देने के उद्देश्य से तीन पालि-आधारित पाठ्यक्रम का शुभारंभ हुआ। छात्र एमए इन पालि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम होगा जबकि छह माह के पालि भाषा में प्रमाण पत्र भी किया जा सकेगा। प्रमाण पत्र में पालि का मूलभूत ज्ञान प्रदान किया जाएगा। छह महीने का ही विपस्सना ध्यान प्रमाण पत्र होगा जो व्यक्तिगत विकास पर केंद्रित होगा। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनियाभर में बुद्ध की कालातीत शिक्षाओं का प्रसार करने में सहायक रहा है। उन्होंने भारत ने विश्व को बुद्ध दिया है, युद्ध नहीं वाक्यांश का हवाला देते हुए शांति, ज्ञान और करुणा के प्रतीक के रूप में भारत की ऐतिहासिक भूमिका को समझाया। कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं ने भारत की पहचान को एक ऐसे राष्ट्र के रूप में आकार दिया है जो अहिंसा और सद्भाव की वकालत करता है। डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.अनिर्बान गांगुली ने पालि भाषा को ऐतिहासिक बताया। बुद्ध त्रिरत्न मिशन के महासचिव पूजनीय भिक्षु डॉ.कचायन श्रमण ने कहा पालि भाषा और विपस्सना आधुनिक चुनौतियों का समाधान करने में सहायक है। कुलपति मेजर जनरल डॉ.जीके थपलियाल ने कहा कि पालि भाषा की प्राचीनता और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता व्यापक है। डॉ. मुकेश मेहता ने संचालन किया। सम्राट अशोक सुभारती बौद्ध अध्ययन विभाग के सलाहकार डॉ.हीरो हितो सहित सभी शिक्षक एवं अधिकारी मौजूद रहे।
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