बोले मेरठ : जर्जर सड़कें, चोक नालियां, बस कहने को पॉश कालोनी
Meerut News - मेरठ की मंगल पांडे नगर कॉलोनी के निवासी टूटी सड़कों, खराब ड्रेनेज और गंदगी से परेशान हैं। बरसात में जलभराव और सांप-कीड़ों का डर उन्हें सताता है। कॉलोनी के लोग सड़क हादसों से बचने और साफ-सफाई के लिए...
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मेरठ। मंगल पांडे नगर कॉलोनी आज पॉश कॉलोनियों में शुमार है। इसके बावजूद इस कॉलोनी के लोग टूटी सड़कों और नालियों में भरी गंदगी से परेशान हैं। वहीं कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के कारण बरसात में जलभराव की समस्या से जूझते नजर आते हैं। कॉलोनी से सटे नाले पर दीवार नहीं होने से सांप और कीड़े-मकोड़े का डर इनको सताता रहता है। अब कॉलोनी वाले सड़क पर हादसों की संभावना से बचाव और साफ सफाई की समस्या का समाधान चाहते हैं। कालोनी में बुनियादी समस्याओं का अभाव
1991 और 1995 में आवास विकास परिषद की ओर से बनाई गई मंगल पांडे नगर कॉलोनी सन 2000 में नगर निगम को हैंडओवर कर दी गई थी। आज इस कॉलोनी में 550 से ज्यादा घर हैं और 9 सेक्टर में बंटी है। इसकी जनसंख्या की बात करें तो 2000 से अधिक लोग इस कॉलोनी में निवास करते हैं। जहां सरकारी और प्राइवेट नौकरी करने वालों के साथ ही बिजनेसमैन भी रहते हैं। वहीं इस कॉलोनी के चारों ओर मुख्य सड़कों की जर्जर हालत हादसों को दावत देती नजर आती हैं। कॉलोनी में बुनियादी समस्याओं का अभाव है तो बाहर गंदगी का भार है। जिससे आज कॉलोनी के लोग जूझ रहे हैं।
कॉलोनी में रहने वाले देवेंद्र तोमर, बीएल गाबा और मुकेश त्यागी का कहना है कि कॉलोनी से बाहर निकलते ही पहले तो सड़क पर हादसों का डर सताता है। जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। वहीं कॉलोनी के जल निकासी की बड़ी समस्या है। नाले से सटे कॉलोनी के घरों में सांप और बिच्छू घुस आते हैं। आए दिन कॉलोनी में असामाजिक तत्वों का भी डर सताता रहता है। ऐसे में कॉलोनी के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। अब कॉलोनी के लोग इन सभी समस्याओं से निजात चाहते हैं।
हादसों को दावत देती टूटी सड़कें
कॉलोनी में रहने वाले विजय कुमार गोयल, विनोद चौधरी और कुलदीप शर्मा का कहना है कि विक्टोरिया पार्क से लेकर मिमहेंस तक की रोड कॉलोनी में प्रवेश के लिए मुख्य सड़क है। इस सड़क की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है। जगह-जगह सड़क में गड्ढे हो चुके हैं। पुलिया भी टूटी पड़ी है, जिसमें कभी भी कोई गिर सकता है। रात में सड़क पर चलते हुए डर लगता है। एक तो लाइटिंग की व्यवस्था खराब है, ऊपर से गड्ढों में गिरकर चोट लगने का डर रहता है। जल्दी सड़क निर्माण हो तो राहत मिले।
सड़क के बीच में खंभों से टकराती गाड़ियां
संजय गुप्ता, राजेंद्र सिंह और मनोज जैन का कहना है कि बिजली की हाईटेंशन लाइन के खंभे बीच सड़क में लगाए गए हैं। एक तो सड़क टूटी-फूटी है ऊपर से बीच सड़क में खंभे खड़े हैं। सड़क पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे हैं और टीन शेड व मकान आगे की तरफ बढ़ा रखे हैं। वहीं सड़क पर खंभों के दूसरी तरफ नाले की दीवार से सटी जगह पर इंटर लॉकिंग टाइल्स लगाई गई हैं, जो पैदल और साइकिल पर चलने वालों के लिए है। ऐसे में मुख्य सड़क एकदम छोटी हो गई है। जहां रोज कुछ ना कुछ हादसे होते रहते हैं।
बरसात में ओवरफ्लो हो जाते हैं सीवर
कॉलोनी में रहने वाले अशोक कुमार, पीसी पंत और ओमप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि सीवर लाइन छह इंच की डाली गई है। वह भी कूड़े-करकट से जाम हो जाती है और सीवर ओवर फ्लो हो जाते हैं। वहीं सीवर के पानी की निकासी के लिए बारह जगहों पर बाइपास पाइप लाइनें डाली गईं हैं। जिनको नाले से कनेक्ट किया गया है। जब बरसात होती है तो नाले का पानी इन पाइप लाइन में उल्टा आने लगता है। जिससे सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं और कॉलोनी में जलभराव हो जाता है। कॉलोनी में नालियां भी गंदगी से अटी रहती हैं, जिनकी सफाई नही होती। इससे भी जलभराव की समस्या होती है।
सड़क किनारे सिल्ट और टूटी दीवारें
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि नाले की दीवार कई जगहों से टूटी पड़ी है। वहीं नालों की सफाई के दौरान सिल्ट कई दिनों तक बाहर पड़ी रहती है और धीरे-धीरे यह सिल्ट सड़क तक आ जाती है। गंदगी और सिल्ट के कारण सड़क खराब होनी शुरू हो जाती है। वहीं नाले की टूटी दीवार भी समस्या का कारण बनती है। कॉलोनी के एक तरफ नाले की दीवार ही नहीं है और उसमें से सांप व अन्य कीड़ों के आने का डर बना रहता है। साथ ही आसामाजिक तत्व भी इस तरफ से आ जाते हैं और चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। ऐसे में कॉलोनी के लोग कई समस्याओं का सामना करते हैं।
यहां भी है बड़ी समस्या
कॉलोनीवासियों का कहना है कि जसरामपुरा बस्ती की ओर से निकलने वाला नाला टूटा पड़ा है। यह नाला मुख्य नाले में जाकर मिलता है और इसकी हालत काफी खस्ता है। यहां गंदगी का अंबार लगा रहता है और नाले में बस्ती के बच्चों के गिरने का डर बना रहता है। इस नाले का लेबलिंग सही नहीं होने के कारण आए दिन जलभराव की समस्या होती रहती है। बरसात में तो नाला ही डूब जाता है। यहां के लोग गंदगी और जलभराव से जूझते रहते हैं। नगर निगम को इस समस्या का हल करना चाहिए।
लाइटिंग की समस्या और कुत्तों का आतंक
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि पूरी कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी रहती हैं। वहीं पार्कों के बीच में लगीं हाईमास्क लाइटें अब जलती नहीं हैं। रात में कई सड़कों पर अंधेरा रहता है और चलने में डर लगता है। वहीं कुत्ते और बंदरों का आतंक भी पूरी कॉलोनी में बहुत बढ़ गया है। आए दिन कुत्ते लोगों को काटते रहते हैं। नगर निगम में शिकायत भी की गई, लेकिन हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। लाइटों को सही करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है, जब फोन करो तो कोई उठाता नहीं है।
बने शौचालय और फुट ब्रिज
कॉलोनी के सीनियर सिटीजन का कहना है, कि कॉलोनी के बाहर यूनिवर्सिटी रोड पर कुछ लोग खड़े होकर शौच करने लगते हैं। सड़क के दूसरी तरफ शौचालय बना है, लेकिन एक शौचालय कॉलोनी की तरफ भी बन जाए तो आने-जाने वाले लोगों को राहत मिल जाए। साथ ही कॉलोनी की तरफ आने वाली गंदगी कम हो जाएगी। इस सड़क पर ट्रैफिक बहुत होता है और इसे पार करने के लिए फुट ब्रिज होना चाहिए, क्योंकि बुजुर्ग लोग सड़क पार करने में दिक्कत महसूस करते हैं। एक्सीडेंट होने का डर लगा रहता है।
बिजली के तारों का जंजाल
कॉलोनी में हाईटेंशन लाइन से लेकर घरेलू बिजली वाले खंभों के तार आज भी पुरानी व्यवस्था में हैं। खंभों पर बिजली के तारों का जंजाल नजर आता है। फाइबर वाले तारों का जाल सा बिछ गया है। वहीं खंभों पर खुले तारों के कारण हादसे का डर बना रहता है। जबकि बिजली विभाग सभी जगहों पर एबीसी लाइन बिछा रही है, ऐसे में कॉलोनी के अंदर भी केबिल लाइन डाली जानी चाहिए, ताकि फॉल्ट जैसी घटना ना हो।
समस्याएं
- कॉलोनी के चारों ओर मुख्य सड़कें जर्जर हालत में हैं
- सड़कों में गड्ढे हो गए हैं और हादसों का डर रहता है
- कॉलोनी में नालियों के अंदर गंदगी रहती है
- नाले की दीवार टूटी पड़ी है, कीड़े-कांटे का डर रहता है
- सीवर लाइन सही नहीं होने से ओवरफ्लो रहते हैं
- स्ट्रीट लाइटें और पार्कों में हाईमास्क लाइटें खराब रहती हैं
- कुत्ते और बंदरों का आतंक रहता है, आए दिन काटते हैं
समाधान
- सभी मुख्य सड़कों का निर्माण जल्द कराया जाए
- कॉलोनी में नालियों की गंदगी साफ की जाए
- नाले की टूटी दीवारों को सही कराया जाए
- सीवर लाइन को ठीक कराया जाए ताकि जलभराव ना हो
- स्ट्रीट लाइटें और पार्कों में हाईमास्क लाइटें ठीक कराई जाएं
- नगर निगम कुत्ते और बंदरों को पकड़ने की व्यवस्था करे
- सीनियर सिटीजन के लिए ओपन जिम तैयार किया जाए
इन्होंने कहा
कॉलोनी के चारों ओर की सड़कें टूटी पड़ी हैं। आए दिन हादसे होते रहते हैं। कई बार इन सड़कों को सही कराने के लिए शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनता नहीं है। - देवेंद्र प्रताप तोमर, सचिव मांगल पांडे नगर सोसाइटी
पूरी कॉलोनी में ड्रेनेज सिस्टम एकदम खराब हैं। सीवर और नालियों में गंदगी भरी रहती है और जलभराव के कारण मच्छर पनपते हैं। बीमारियों का डर लगा रहता है। - बीएल गाबा, संरक्षक, मंगल पांडे नगर कॉलोनी
कुछ पार्कों की व्यवस्था खराब है और कॉलोनी के पास में नाले की दीवार भी नहीं है। रात में असामाजिक तत्वों और जानवरों के कॉलोनी में आने का डर बना रहता है। - मुकेश त्यागी
कॉलोनी में आवारा कुत्तों और बंदरों का आतंक रहता है। आए दिन बच्चों और बड़ों को काटते रहते हैं। कॉलोनी में लोगों के घरों में घुसकर नुकसान भी करते हैं। - विजय कुमार गोयल
कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी रहती हैं। साथ ही पार्कों में लाइटें नहीं जलती, जिसके कारण अंधेरा रहता है। सड़कों पर अंधेरा होने के कारण डर लगा रहता है। - विनोद चौधरी, अध्यक्ष, मंगल पांडे नगर सोसाइटी
मंगल पांडे नगर से लगी जसरामपुरा बस्ती का नाला टूटा पड़ा है। वहां गंदगी का अंबार रहता है और नाले में बच्चों के गिरने का डर बना रहता है, इसको ठीक किया जाए। - कुलदीप शर्मा
विक्टोरिया पार्क की ओर से आने वाली पूरी सड़क टूटी पड़ी है। कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन ठीक नहीं हुई। जबकि यह सड़क बहुत चलती है और गड्ढों के कारण हादसे होते हैं। - संजय गुप्ता, विधिक सलाहकार, मंगल पांडे नगर कॉलोनी
पार्कों में बच्चों और सीनियर सिटीजन के लिए ओपन जिम बनाया जाए। ताकि बुजुर्ग एक्सरसाइज कर सकें और बच्चे भी खेलते रहें। नगर निगम की ओर से यह व्यवस्था जल्द होनी चाहिए। - राजेंद्र सिंह
कॉलोनी में नालियां चोक पड़ी हैं, इन नालियों को साफ करके सही कराया जाए। नगर निगम जल्द ही नालियों को सुचारू करे, ताकि बरसात में जलभराव से बचा जा सके। - मनोज जैन
बरसात में सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं, क्योंकि उनकी लाइन सही नहीं है। बाइपास लाइन भी डाली गईं हैं, लेकिन बरसात में नालों का पानी उनमें उल्टा ही बहने लगता है। - अशोक कुमार
मंगल पांडे नगर कॉलोनी में रहने वाले बुजुर्ग लोग यूनिवर्सिटी रोड पार करने में दिक्कत महसूस करते हैं। सड़क पर वाहनों का आवागमन बहुत अधिक रहता है, इसलिए फुट ब्रिज बनना चाहिए। - पीसी पंत
खंभों पर बिजली के तारों का जंजाल बना हुआ है। फाइबर वाले तारों का जाल सा बिछ गया है। वहीं खंभों पर खुले तारों के कारण हादसे का डर भी बना रहता है। - ओम प्रकाश
कॉलोनी में लाइटिंग की व्यवस्था सही कराई जाए। ताकि सड़कों पर अंधेरे के कारण हादसों से बचा जा सके। नगर निगम से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। - राजेश कुमार
सड़कों किनारे इंटर लॉकिंग टाइल्स भी उखड़ी पड़ी हैं। कई जगहों पर गड्ढे हो गए हैं और उनमें लोगों के गिरकर चोटिल होने का डर बना रहता है। जल्द हइ उनको सही कराया जाए। - एसके शर्मा
कॉलोनी में बंदरों का आतंक बहुत है, इनसे बचाव के लिए कॉलोनी के लोग हजारों रुपए खर्च करते हैं। पार्क में दिनभर लंगूर बंधा रहता है तब जाकर सुरक्षा होती है। - निरंजन सिंह
नालों की सफाई के दौरान सिल्ट कई दिनों तक बाहर पड़ी रहती है और धीरे-धीरे सड़क तक आ जाती है। गंदगी और सिल्ट के कारण सड़क खराब होनी शुरू हो जाती है। - सुरेंद्र मित्तल
नाले से सटे कॉलोनी के घरों में सांप और बिच्छू घुस आते हैं। आए दिन कॉलोनी में असामाजिक तत्वों का भी डर सताता रहता है। ऐसे में कॉलोनी के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। - राजीव तनेजा
पार्कों में बच्चे खेलते रहते हैं और यहां रात में हाईमास्क लाइट नहीं जलती है। इसके चलते कीड़े-कांटे का डर रहता है। संबंधित विभाग जल्द ही इन लाइटों को सही कराएं। - शशि पुंडीर
सड़कों की समस्या सबसे ज्यादा है, कॉलोनी के चारों ओर सड़कें टूटी पड़ी हैं। आए दिन हादसे होते रहते हैं। वहीं लाइटें भी सड़कों पर नहीं जलती, जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है। - संजीव पुंडीर
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