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मेडिकल कोविड वार्ड में हर सुविधा का रेट तय

Meerut News - वेस्ट यूपी के प्रमुख एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ के कोविड वार्ड में भर्ती होने के लिए अब हर चीज का रेट तय है। बेड, ऑक्सीजन, फोन पर हेल्थ बुलेटिन......

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठMon, 10 May 2021 03:22 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

वेस्ट यूपी के प्रमुख एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज मेरठ के कोविड वार्ड में भर्ती होने के लिए अब हर चीज का रेट तय है। बेड, ऑक्सीजन, फोन पर हेल्थ बुलेटिन... सबकुछ मिलता है, लेकिन इसके लिए कीमत चुकानी पड़ती है। अभी ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीजों से रुपये लिए गए हैं। कुछ शिकायतें सीएमओ कार्यालय में भी पहुंची हैं।

ब्रह्मपुरी क्षेत्र में माधवपुरम निवासी संजय छाबड़ा के अनुसार, उनकी भाभी को ऑक्सीजन सिलेंडर देने के लिए अस्पताल स्टाफ ने दो हजार रुपये वसूले। हालांकि ऑक्सीजन देने के बावजूद उनकी भाभी लता छाबड़ा की जान नहीं बच सकी। लता के बराबर वाले बेड पर लेटे मरीज के परिजनों से भी ऑक्सीजन सिलेंडर देने के नाम पर दो हजार रुपये वसूले गए। कई मरीजों के परिजनों से तो सिलेंडर बाहर से मंगवाए गए हैं। जबकि कोविड वार्ड के बाहर पोस्टर लगा है कि यहां बाहर से ऑक्सीजन नहीं मंगवाई जाती।

साकेत निवासी एक अन्य कोरोना संक्रमित मरीज के परिजनों ने बताया कि निजी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। वह मरीज को लेकर मेडिकल के कोविड वार्ड में पहुंचे। करीब दो घंटे तक धक्के खाते रहे। बेड खाली न होना बताकर भर्ती नहीं किया। इस दौरान एक कर्मचारी आया। उसने कुछ इंतजाम करने की बात कही। आखिर 10 हजार रुपये में बात बनी और इस मरीज को कोविड वार्ड में बेड मिल गया।

अफसर बोले- शिकायत नहीं, इसलिए कार्रवाई नहीं

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें भी मेडिकल के कोविड वार्ड से इस तरह की कई शिकायतें मौखिक तौर पर मिली हैं। लेकिन मरीजों के परिजन लिखित शिकायत नहीं करते, इसलिए ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं हो पाती।

सिस्टर ने किया था मैसेज वायरल

तीन दिन पहले ही कोविड वार्ड की एक सिस्टर ने मैसेज वायरल किया था। इसमें लिखा था कि डॉक्टर ने अपने ससुर को दो ऑक्सीजन सिलेंडर लगा रखे थे। एक सिलेंडर सिस्टर ने दूसरे मरीज को लगा दिया तो उस पर वार्ड में खूब हंगामा हुआ था।

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मरीजों या उनके परिजनों ने ऐसी कोई शिकायत लिखित रूप में नहीं की है। यदि शिकायत आती है तो जांच कराकर अवश्य कार्रवाई की जाएगी। यदि कुछ ऐसा है तो मरीजों के परिजन सीधे मुझसे मिल सकते हैं।

- डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज

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