प्राइवेट फार्मों में घपला करने वालों का दूसरे जिले में ट्रांसफर
आगरा और अलीगढ़ में गलत तरीके से प्राइवेट फार्म भरवाने वाले मामले में प्रधानाचार्यों और बोर्ड प्रभारी के खिलाफ बोर्ड कार्यालय द्वारा कार्रवाई तय कर ली गई है। इसमें लगभग 24 हजार परीक्षार्थियों का...
आगरा और अलीगढ़ में गलत तरीके से प्राइवेट फार्म भरवाने वाले मामले में प्रधानाचार्यों और बोर्ड प्रभारी के खिलाफ बोर्ड कार्यालय द्वारा कार्रवाई तय कर ली गई है। इसमें लगभग 24 हजार परीक्षार्थियों का परीक्षाफल रुका हुआ था, जिसे जारी करने को लेकर बोर्ड कार्यालय में लगातार शिकायतें की जा रही थी। इस मामले में बोर्ड मुख्यालय ने सख्त कदम उठाते हुए आदेश जारी किया है। इसमें अग्रसारण केंद्र के प्रधानाचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही कर इनके निलंबन की करने को कहा गया है। साथ ही अग्रसारण केंद्रों को आगे दस सालों तक व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र अग्रसारित करने परीक्षा केंद्र से वंचित किया जाए। वहीं अग्रसारण केंद्र के परीक्षा सहायक व डीआईओएस कार्यालय के परीक्षा प्रभारी को अन्य जनपदों में स्थानान्तरित करते हुए भविष्य में इन्हें संयुक्त शिक्षा निदेशक, मंडलीय उप शिक्षा निदेशक, डीआईओएस, बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनाती दी जाए। इसके अलावा जनपद के डीआईओएस को पर्यवेक्षणीय शिथिलता के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाए। अर्ह परीक्षार्थियों के परीक्षाफल घोषित किए जाए। अनर्ह के परीक्षाफल निरस्त किए जाए। इसके अलावा वाहय प्रदेश के कक्षा 10 एवं कक्षा 12 अनुत्तीर्ण परीक्षार्थी का सत्यापन यथा राजस्थान की वेबसाइट से करने पर उनका डाटा नोट फाउंड दर्शाया जा रहा है, उनका परीक्षाफल निरस्त किया जाए। हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण या कक्षा 11 उत्तीर्ण करने के बाद सीधे इंटर व्यक्तिगत परीक्षा के लिए आवेदन अग्रसारित किया गया है, तो उनसे (अर्ह परीक्षार्थियों से ) दो वर्षीय एवं एक वर्षीय यथास्थित पत्राचार का शुल्क कोषागार में जमा करवाकर अर्ह परीक्षार्थियों का परीक्षाफल घोषित किए जाने की कार्यवाही की जाए।
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