पंतनगर विश्वविद्यालय के कण-कण में राष्ट्रवाद : कलानिधि नैथानी
Meerut News - मेरठ में जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का पुरातन छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में 450 से ज्यादा पूर्व छात्रों ने भाग लिया और अपने छात्र जीवन की यादों को साझा किया। पंतनगर...
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मेरठ, प्रमुख संवाददाता जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (पंतनगर विश्वविद्यालय) की स्थापना जिस उद्देश्य के साथ की गई थी, वह उस कसौटी पर खरा उतर रहा है। कृषि क्षेत्र में क्रांति की है। सरकार विभिन्न योजनाओं के जरिए देश के अनेक गरीबों तक खाद्यान्न पहुंचा रही है। ऐसा विश्वविद्यालय पंतनगर विश्वविद्यालय ही है, जो उद्देश्य को पूरा कर रहा है, जिसके कण-कण में राष्ट्रवाद है।
यह बातें रविवार को पुलिस उपमहानिरीक्षक मेरठ रेंज कलानिथि नैथानी ने चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद बोस सभागार में आयोजित पंतनगर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कही। इस वर्ष भी पंतनगर विवि के पूर्व छात्रों के सम्मेलन में पंतनगर विवि के अब तक के 65 बैच में से 51 बैच के पूर्व छात्र और उनके परिजन शामिल हुए। सम्मेलन में बैच 1960 के पांच पूर्व छात्र और बैच 1961 के चार पूर्व छात्र शामिल हुए। संचालन एसके वर्मा ने किया।
सम्मेलन में 1987 बैच के सबसे अधिक 54 पूर्व छात्रों और उनके परिजन शामिल हुए। सम्मेलन में चौधरी चरण सिंह विवि के रजिस्ट्रार धीरेन्द्र वर्मा, सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी डॉ. गोपेश नाग, मथुरा वेटनरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. एसके गर्ग, सीआरपीएफ के सेवानिवृत्त आईजी अरुण कुमार ने मुख्य रूप से शिरकत की। सम्मेलन में तेजपाल सिंह, संजीव वर्मा, श्योवीर सिंह, राजीव राणा, देवेंद्र वर्मा, संजीव छाबरा, अरुण कुमार, एनके सिंह, एनके मदान, प्रो मनोज यादव, प्रो आशा बिष्ट, डीके बालियान, अरविंद सिंह भी रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से मनमोहा
पुरातन छात्र सम्मेलन में पुरातन छात्रों के परिवार की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। डॉ. गोपेश नाग ने गीत प्रस्तुत किया। आयोजन में डॉ. संजीव कुमार वर्मा, जयपाल सिंह, राजीव राणा, भंवर सिंह की अहम भूमिका रही। कार्यक्रम के अंत में चौधरी चरण सिंह विवि के रजिस्ट्रार धीरेन्द्र कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है पंतनगर विवि :
वक्ताओं ने कहा गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भारत का पहला कृषि विवि है। इसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू द्वारा 17 नवंबर 1960 को उत्तर प्रदेश कृषि विवि के नाम से किया गया था। 1972 में इसका नाम महान स्वतन्त्रता सेनानी गोविन्द बल्लभ पंत के नाम पर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कर दिया गया। यह विश्वविद्यालय भारत में हरित क्रांति का अग्रदूत माना जाता है। विश्वविद्यालय ने पंतनगर सीड्स ब्रांड नाम के तहत सबसे बड़े बीज उत्पादन कार्यक्रम को शुरू किया।
इनका कहना है-
मेरठ में आयोजित तीसरे पुरातन छात्र सम्मेलन में 450 से ज्यादा पूर्व छात्र और उनके परिजनों ने भाग लिया। सभी पुरातन छात्रों में युवाओं सी ऊर्जा देखने को मिली।
- भंवर सिंह 1967 बैंच
पुरातन छात्र सम्मेलन में कालेज छोड़ चुके लोगों ने हिस्सा लेकर अपने छात्र जीवन की यादों को साझा किया। विभिन्न क्षेत्रों में हासिल की उपलब्धियों का बखान किया।
- एसके वर्मा 1989 बैंच
एल्यूमिनाई मीट में पुरानी यादें हुईं ताजा
मेरठ। पंतनगर विवि की एलुमिनाई मीट में गर्मजोशी से पुराने छात्रों ने एक दूसरे को देखा और पहचानने की कोशिश की। गले मिलकर कॉलेज के दिनों की यादें ताजा की। गर्मजोशी से गले मिलकर भावुक हो गए। उसके बाद शुरू हुआ छात्र जीवन की यादों को ताजा करने का सिलसिला। यह दृश्य था रविवार को चौधरी चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद बोस सभागार का जहां पंतनगर विवि के 51 बैच के छात्र देश-दुनिया से जुटे थे। कुछ 50 वर्ष पुराने थे तो कुछ 25 वर्ष। पुरातन छात्रों की आंखों की चमक बता रही थी कि यह आयोजन उन्हें असीम ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
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