एक बयान से ऑक्सीजन पर हाहाकार, बैकफुट पर अफसर

ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) एवं सहायक नोडल अधिकारी (ऑक्सीजन) वीके कौशल के बयान से जिलेभर में हाहाकार मच गया। उन्होंने कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठThu, 29 April 2021 03:22 AM
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ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) एवं सहायक नोडल अधिकारी (ऑक्सीजन) वीके कौशल के बयान से जिलेभर में हाहाकार मच गया। उन्होंने कहा कि आम लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलेंगे। इससे अफवाहों का दौर शुरू हो गया। लखनऊ से भी फोन घनघना उठे। चंद घंटों में अफसरों को बैकफुट पर आना पड़ा। डीएम ने बयान जारी करके कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हां, कालाबाजारी रोकी जाएगी।

हॉस्पिटलों को आपूर्ति का दिया था बयान : डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) वीके कौशल बुधवार दोपहर परतापुर क्षेत्र की कंसल गैस इंडस्ट्री पर पहुंचे। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि अब प्लांट से किसी व्यक्ति को सिलेंडर नहीं दिया जाएगा। सिर्फ हॉस्पिटलों को सीधे आपूर्ति होगी। कालाबाजारी को देखते हुए यह फैसला लिया है।

आक्रोश बढ़ने पर दी सफाई : डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्री का यह बयान चंद मिनटों में सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मेरठ व्यापार मंडल के जिला प्रमुख शैंकी वर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा सहित तमाम लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली। लोगों के फोन आए तो दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनील भराला ने भी डीएम से फोन पर बात की। लोगों में आक्रोश था कि यदि ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं हुई तो होम आइसोलेट कोविड मरीजों का क्या होगा। इस पर जिला प्रशासन को चंद घंटे में सफाई देनी पड़ी।

ऑक्सीजन की व्यक्तिगत आपूर्ति होगी, लेकिन केवल गंभीर मरीजों को। बाहरी लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा। कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी।

- के.बालाजी, डीएम मेरठ

5500 से ज्यादा मरीज हैं होम आइसोलेट

70 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत

05 गैस प्लांट में ऑक्सीजन सिलेंडर बनते हैं

अफवाह

प्रदेश में एकमात्र ऐसा जिला मेरठ था, जहां व्यक्तिगत सिलेंडर आपूर्ति पर प्रतिबंध का बयान दिया गया। इसे लेकर सोशल मीडिया में खूब अफवाहें फैली। लोगों में चिंता हो गई कि अब होम आइसोलेट मरीजों का क्या होगा? उन्हें ऑक्सीजन मिलेगी या नहीं? उन्हें बेड मिलेगा या नहीं?

कालाबाजारी : 10-12 हजार में बेचा गया खाली सिलेंडर

अफवाहों के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी शुरू हो गई। खाली सिलेंडर 10-12 हजार में बेचा गया। जबकि भरा हुआ सिलेंडर 20 हजार तक जाकर पड़ा। छोटे-छोटे सिलेंडरों की भी ब्लैक मार्केटिंग होने लगी। यूज एंड थ्रो सिलेंडर पन्द्रह सौ रुपये में खूब बिका।

हड़कंप

परतापुर की एक गैस इंडस्ट्री पर नोटिस लगा दिया। इस पर लिखा था 'व्यक्तिगत रूप से सिलेंडर भ्ज्ञरना कानूनी रूप से निसेध है। आज्ञा से मेरठ प्रशासन'। डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्री के बयान से लोगों में भ्रम की स्थिति रही। दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुनील भराला ने प्रेस नोट जारी करके कहा कि ऐसा कुछ नहीं है।

मेरठ में 5 प्लांट से आपूर्ति

मेरठ में फिलहाल पांच गैस प्लांट ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इनमें परतापुर क्षेत्र की कंसल इंडस्ट्रीज, मोदी इंडस्ट्रीयल गैस, कृष्णा एयर प्रोडक्ट और अग्रवाल गैस हैं। इसके अलावा खरखौदा क्षेत्र के गांव बिजौली स्थित प्लांट से आपूर्ति हो रही है। इन प्लांट पर ऑक्सीजन पाने के लिए मरीजों के परिजन 24-24 घंटे लाइन में लगने को मजबूर हैं।

5500 मरीज होम आइसोलेट

मेरठ में कोरोना के करीब 5500 मरीज होम आइसोलेट हैं। इनमें से 70 फीसदी का सेचुरेशन गड़बड़ा रहा है, जिन्हें ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है। इसके अलावा आसपास जनपदों के लोग भी ऑक्सीजन लेने मेरठ आ रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन कई हजार मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं।

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