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गंभीर मरीजों को ही मिलेगी ऑक्सीजन, कालाबाजारी रोकेंगे

ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) एवं सहायक नोडल अधिकारी (ऑक्सीजन) वीके कौशर के बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठThu, 29 April 2021 03:24 AM
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मेरठ। वरिष्ठ संवाददाता

ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) एवं सहायक नोडल अधिकारी (ऑक्सीजन) वीके कौशर के बयान से भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि आम लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलेंगे। सिर्फ हॉस्पिटल को सप्लाई होगी। लोगों में विरोध शुरू हुआ तो प्रशासन को सफाई देनी पड़ी। डीएम के.बालाजी ने कहा, कुछ बाहरी लोग ऑक्सीजन सिलेंडर लेने की कोशिश कर रहे थे। इसका दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।

कालाबाजारी की आशंका पर फैसला

डिप्टी कमिश्नर (इंडस्ट्री) वीके कौशर बुधवार को परतापुर क्षेत्र की कंसल गैस इंडस्ट्री पर पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरठ में ऑक्सीजन पर्याप्त है। अस्पतालों को ऑक्सीजन देने के लिए कोई कमी नहीं है। जितने सिलेंडर मांगे जाएंगे, उससे ज्यादा देने की स्थिति में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बाहर सिलेंडर देने पर उसके दुरुपयोग की आशंका है। इसलिए प्लांट से अब व्यक्तिगत किसी को सिलेंडर नहीं दिया जाएगा।

आक्रोश बढ़ने पर दी सफाई

डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्री का यह बयान चंद मिनटों में सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मेरठ व्यापार मंडल के जिला प्रमुख शैंकी वर्मा, वरिस्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा सहित तमाम लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दे डाली। उनमें आक्रोश था कि यदि ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं हुई तो होम आइसोलेट कोविड मरीजों का क्या होगा। यह देख जिला प्रशासन को सफाई देनी पड़ी।

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ऑक्सीजन की व्यक्तिगत आपूर्ति होगी, लेकिन केवल गंभीर मरीजों को। बाहरी लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा।

- के.बालाजी, डीएम मेरठ

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मेरठ में पांच प्लांट से आपूर्ति

मेरठ में फिलहाल पांच गैस प्लांट ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं। इनमें परतापुर क्षेत्र की कंसल इंडस्ट्रीज, मोदी इंडस्ट्रीयल गैस, कृष्णा एयर प्रोडक्ट और अग्रवाल गैस हैं। इसके अलावा खरखौदा क्षेत्र के गांव बिजौली स्थित प्लांट से आपूर्ति हो रही है। इन प्लांट पर ऑक्सीजन पाने के लिए मरीजों के परिजन 24-24 घंटे लाइन में लगने को मजबूर हैं।

होम आइसोलेट मरीजों को भी जरूरत

मेरठ में कोरोना के करीब 5500 मरीज होम आइसोलेट हैं। इनमें से 70 फीसदी का सेचुरेशन गड़बड़ा रहा है, जिन्हें ऑक्सीजन की बेहद जरूरत है। इसके अलावा आसपास जनपदों के लोग भी ऑक्सीजन लेने मेरठ आ रहे हैं। ऐसे में प्रतिदिन कई हजार मरीजों के परिजन ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं।

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