अब चार साल का बीसीए, आखिरी में खास ट्रेनिंग
Meerut News - भारत में 2025-26 से बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू होगा। छात्रों को चौथे वर्ष में बीसीए ऑनर्स और रिसर्च के विकल्प मिलेंगे। पाठ्यक्रम में समर इंटर्नशिप और एआई, मशीन...

प्रवीण दीक्षित मेरठ। देशभर के विश्वविद्यालय एवं संबद्ध कॉलेजों में सत्र 2025-26 से बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (बीसीए) चार साल का हो जाएगा। एनईपी के तहत बीसीए में छात्रों को चौथे साल में बीसीए ऑनर्स और बीसीए ऑनर्स विद रिसर्च चुनने का विकल्प मिलेगा। एक साल पूरा करने पर सर्टिफिकेट, दो वर्ष में डिप्लोमा और तीन साल पूरे करने पर डिग्री मिलेगी। आखिरी वर्ष में बीसीए के विद्यार्थियों को अब दुनिया में तेजी से उभरते नए क्षेत्रों में खुद को प्रशिक्षित करने का मौका मिलेगा। डाट साइंस और एआई जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में छात्र खुद को पारंगत कर सकेंगे। सीसीएसयू में भी सत्र 25-26 से ही चार वर्षीय बीसीए की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
कुछ केंद्रीय एवं निजी विवि ने इसे 2024 से भी लागू कर दिया है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने बीसीए के लिए जाी मॉडल सिलेबस से उक्त सत्र से सिलेबस लागू होना है। नए पाठ्यक्रम में छात्रों को बीसीए में वैश्विक जरुरतों के अनुसार खुद को आगे बढ़ाने का प्रशिक्षण मिलेगा। कोर्स में छात्रों को समर इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। इसमें छात्र पढ़ाई के दौरान ही इंडस्ट्री में इंटर्नशिप करते हुए वास्तविक अनुभव हासिल कर सकेंगे। कोर्स में पंजीकृत होने वाले नए छात्रों के लिए तीन हफ्ते का इंडक्शन प्रोग्राम भी अनिवार्य होगा। एआई, एमएल, डाटा साइंस में प्रशिक्षण बीसीए ऑनर्स के सातवें सेमेस्टर में छात्रों को एआई, मशीन लर्निंग एवं डाटा साइंस में स्पेशलाइजेशन का मौका मिलेगा। इलेक्टिव कोर्स में छात्रों को डाटा एनालिटिक्स, डाटा विजुअलाइजेशन, डाटा साइं, टाइम सीरीज एनालिसिस, मशीन लर्निंग, बिग डाटा एनालिसिस, बिजनेस इंटेलीजेंस एंड एनालिटिक्स, डाटा माइनिंग एंड वेयर हाउसिंग, डाटा सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी, न्यूट्रल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, डीप लर्निंग फॉर कम्प्यूटर विजन, स्पीच रिकॉग्निशन जैसे विषय भी पढ़ने को मिलेंगे। आईकेएस को समझेंगे छात्र बीसीए में इंडियन नॉलेज सिस्टम में 15 विषय में से कोई आठ चुनने होंगे। इसमें छात्रों को इंडियन नॉलेज सिस्टम, इंडियन कल्चर एंड सिविलाइजेश्न, एन्सिएंट इंडियन केमेस्ट्री, एन्सिएंट इंडियन मैटलर्जी, एन्सिएंट इंडियन मैथेमेटिक्स, एन्सिएंट इंडियन एट्रोनॉमी, इंडियन एस्ट्रोनॉमिकल इंस्ट्रूमेंट्स भी पढ़ाए जाएंगे। इंडियन आर्किटेक्चर स्थापत्य, टैम्पल और टाउन एंड प्लानिंग भी पढ़ाई जाएगी।
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