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यूपीएससी : मेरठ की बेटी शिवानी बनी आईएएस, अभिनव आईपीएस

Meerut News - मेरठ के मेधावियों ने यूपीएससी परीक्षा में अद्भुत प्रदर्शन किया है। शिवानी मोहन ने 71वीं रैंक हासिल कर IAS बनने का सपना पूरा किया, जबकि अभिनव शर्मा ने 130वीं रैंक पर IPS में सफलता प्राप्त की। दोनों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठWed, 23 April 2025 06:12 AM
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यूपीएससी : मेरठ की बेटी शिवानी बनी आईएएस, अभिनव आईपीएस

मेरठ, प्रमुख संवाददाता। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में मेरठ के मेधावियों ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है। मेरठ से शिवानी मोहन ने आईएएस और अभिनव शर्मा ने आईपीएस बनने का सपना पूरा कर लिया। शिवानी मोहन ने 71वीं और अभिनव शर्मा ने 130वीं रैंक हासिल की है। शिवानी ने तीसरे प्रयास में जबकि अभिनव ने चौथे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। इससे पहले शिवानी मोहन दूसरे प्रयास में आईडीएएस (इंडियन डिफेंस एंड एकाउंट सर्विस) के पद पर चयनित हुई थीं। जबकि अभिनव ने तीसरे प्रयास में इंडियन पोस्टल सर्विस में सफलता हासिल की थी। दोनों की इस उपलब्धि पर परिवार खुशी से झूम उठा।

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शिवानी ने गढ़ी सफलता की कहानी, बेटियों को दिखाई राह

गोल्डन एवेन्यू फेज-2 निवासी शिवानी मोहन ने अपनी सफलता से बेटियों में भविष्य के सपनों को नई उड़ान दे दी। शिवानी के पिता सुशील कुमार एसबीआई दिल्ली में जीएम हैं और मां डॉ. सीमा गुप्ता आरजी कॉलेज में बीएड की प्रोफेसर हैं। भाई शांतनु भारतीय सेना में मेजर हैं। शिवानी वर्तमान में आईडीएएस शिमला में प्रशिक्षण ले रही हैं, लेकिन उन्होंने आईएएस के लिए अपनी तैयारी जारी रखी। पहले प्रयास में शिवानी को यूपीएससी में ही इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस (आईईएस) में नॉर्थ ब्लॉक में असिस्टेंट डायरेक्टर की जिम्मेदारी मिली। जी-20 में शिवानी वित्त मंत्री के साथ भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहीं। शिवानी को दूसरे प्रयास में आईडीएएस में चयन मिला, लेकिन लक्ष्य आईएएस था। ऐसे में तीसरे प्रयास में 71वीं रैंक से सपना पूरा हो गया। परिवार में कोई सिविल सर्विस में नहीं है, लेकिन शिवानी ने नया लक्ष्य तय करते हुए सफलता की नई उड़ान भरी। सोफिया गर्ल्स स्कूल मेरठ से दसवीं और डीपीएस आरकेपुरम दिल्ली से 12वीं उत्तीर्ण शिवानी मोहन ने मिरिंडा हाउस डीयू से अर्थशास्त्र में ऑनर्स और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीजी किया। शिवानी मिरिंडा हाउस और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की टॉपर भी रहीं। स्कूल से कॉलेज तक शिवानी मोहन ने कई स्कॉलरशिप हासिल की। बेटी की इस उपलब्धि पर माता-पिता और भाई सहित पूरा कॉलेज खुश है। पिता सुशील कुमार के अनुसार शिवानी ने यह सफलता सेल्फ स्टडी से हासिल कर परिवार का नाम रोशन किया है।

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पिता इंस्पेक्टर, बेटे ने आईपीएस बनकर साकार किया सपना

मेरठ स्थित देहली गेट थाने में तैनात इंस्पेक्टर रमेश चंद शर्मा के बेटे अभिनव शर्मा ने आईपीएस बनकर माता-पिता का नाम रोशन किया। अभिनव ने 130वीं रैंक हासिल की। मूलरूप से बदायूं निवासी रमेश चंद शर्मा का परिवार वर्तमान में बरेली में रह रहा है। पिता रमेश चंद शर्मा मेरठ में लंबे समय से कार्यरत हैं। अभिनव ने 2021 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली। 2022 में दूसरे प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे। तीसरे प्रयास में वह इंडियन पोस्टल सर्विस के लिए चयनित हुए। लेकिन वह अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए तैयारी में जुटे रहे। अभिनव के बड़े भाई डॉ. अभिषेक शर्मा रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज बरेली से एमबीबीएस कर रहे हैं। अभिनव ने वर्ष 2020 में आईआईटी पटना से सिविल ब्रांच में बीटेक किया। 10-12 वीं की पढ़ाई पीएमएस मुरादाबाद से की। अभिनव ने पहली च्वाइस आईपीएस की दी थी। अभिनव के पिता रमेश चंद शर्मा यूपी पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे। फिर उन्होंने इंस्पेक्टर की परीक्षा पास की। अभिनव की माता शालिनी शर्मा गृहिणी हैं।

बचपन से था पुलिस की वर्दी पहनने का सपना

अभिनव शर्मा को पिता की वर्दी देखकर बचपन से खुद भी वर्दी पहनने का सपना था। आईआईटी पटना से बीटेक करने के बाद अभिनव सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गए। इंडियन पोस्टल सर्विस में चयन के बाद उन्होंने छुट्टी लेकर फिर यूपीएससी की तैयारी की। अभिनव अपने माता-पिता को ही अपना रोल मॉडल मानते हैं।

बच्चों को ट्रेन में ले गए...फिर दिखाया कि...

अभिनव की सफलता पर पिता रमेश चंद शर्मा गौरवान्वित हैं। रमेश चंद शर्मा का कहना है कि उन्होंने बच्चों को बचपन से पढ़ाई का महत्व बताया। छोटी उम्र में वह बच्चों को ट्रेन में ले जाते थे और वहां जनरल बोगी में टॉयलेट के पास बैठे लोगों को दिखाकर बताते थे कि पढ़ाई नहीं करने से किस स्थिति में रहना पड़ता है। फिर वह एसी कार में लोगों को दिखाकर कहते थे कि देखो पढ़ने के बाद ये यहां तक पहुंचे और सब सुविधाएं मौजूद हैं। जब कोई कार से निकलता था तो वे बताते थे कि पढ़ाई के दम पर मालिक पीछे बैठा है और ड्राइवर कार चला रहा है। रमेश चंद शर्मा के अनुसार बचपन से ही बच्चों ने अपना लक्ष्य स्पष्ट कर लिया।

दुनियादारी नहीं आती....आलू-टमाटर का रेट तक नहीं पता

इंस्पेक्टर रमेश चंद शर्मा के अनुसार बेटा सोशल मीडिया सहित दुनियादारी से पूरी तरह अलग है। उसे दुनियादारी नहीं आती। यदि उनका बेटा अदरक लेने जाए और दुकानदार पांच सौ रुपये मांग ले तो उतने पैसे देकर ही चले आएंगे। उनके बेटे ने पढ़ाई के सिवाय और कुछ नहीं किया। पिता के अनुसार बेटे को आलू-टमाटर तक के रेट नहीं पता।

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