बोले मेरठ : आखिर कब मिलेगा वेंडर्स को स्थायी ठिकाना
Meerut News - मेरठ शहर के वेंडर्स स्थायी वेंडिंग जोन की मांग कर रहे हैं, जो उन्हें काम करने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करेगा। 2014 में लागू स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के बावजूद, शहर में कोई भी वेंडिंग जोन कार्यशील नहीं...
मेरठ शहर की गलियों और सड़कों के किनारे चहल-पहल बनाए रखने में वेंडर्स का अहम योगदान होता है। सब्जी बेचने वाले, चाय के ठेले, कपड़ों के स्टॉल, फूलों की दुकानें या फिर खाने-पीने की छोटी-छोटी दुकानें ये सभी रोजाना हजारों लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं लेकिन आज यही मेहनतकश लोग शहर में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। वेंडिंग जोन की सही व्यवस्था न होने की वजह से वेंडर्स प्रशासन, पुलिस और स्थानीय निवासियों के विरोध का सामना करते हैं। मेरठ में हालात ये हैं कि अभी तक कोई वेंडर जोन कागजों से बाहर निकलकर नहीं आया है, जहां ये लोग अपनी आजीविका के साधन को स्थाई कर सकें। सुबह की पहली किरण के साथ ही मेरठ की सड़कें जीवंत हो उठती हैं। फल विक्रेता अपनी रेहड़ियां सजाते हैं, सब्जी वाले अपने खोमचे पर ताज़ी सब्जियां सजाते हैं, और फूल विक्रेता रंग-बिरंगे फूलों से अपने स्टॉल को सुसज्जित करते हैं। ये छोटे-छोटे व्यापारी न केवल शहर की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, बल्कि मेरठ की पहचान का भी अभिन्न अंग हैं। लेकिन इन हज़ारों विक्रेताओं के पास एक बड़ी चिंता है, स्थायित्व की कमी। शहर में वर्षों से वेंडिंग जोन की मांग की जा रही है, जो अब तक केवल सरकारी फाइलों और आश्वासनों तक ही सीमित है।
सड़कों के किनारे रेहड़ी खोमचे वालों को स्थायित्व वालों की बात करें तो 2014 में सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू किया था, जिसमें हर शहर में वेंडिंग जोन बनाकर वेंडर्स को सम्मानजनक जगह देने का प्रावधान किया गया। लेकिन मेरठ में इस कानून का पालन अभी तक सही तरीके से नहीं हो पाया है। कई जगह रेहड़ी, खोमचे वाले आज भी अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं। जिनमें नई सड़क के फूल विक्रेता और खोखे वाले शामिल हैं। यहां मौजूद जय शिव खोखा एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा का कहना है कि वह अपने स्थायित्व के लिए वेंडर जोन की मांग की है। ऐसे हम ही नहीं बल्कि मेरठ में और भी वेंडर्स हैँ जो अपने लिए एक स्थाई व्यवस्था चाहते हैं।
कहां बनेगा वेंडिंग जोन
मेरठ नगर निगम ने राष्ट्रीय स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 के तहत शहर में वेंडिंग जोन बनाने की योजना बनाई थी। इन जोन में सड़क विक्रेताओं को पंजीकृत कर सुरक्षित स्थानों पर काम करने की सुविधा दी जानी थी। लेकिन हकीकत ये है, कि अभी तक एक भी वेंडिंग जोन कार्यशील स्थिति में नजर नहीं आता। पिछले कुछ सालों में वेंडिंग जोन को लेकर छपी खबरों के अनुसार शहर में नगर निगम ने सात वेंडर जोन बनाने का प्लान बनाया था। इनमें एक भी वेंडिंग जोन आजतक सही तरीके से धरातल पर नहीं उतर पाया।
कागजों से बाहर नहीं आ रहा वेंडिंग जोन
अरविंद कुमार जो एक फूल विक्रेता है और पिछले 20 वर्षों से नई सड़क पर अपना छोटी सी दुकान लगाता है। उसका कहना है कि हमारी उम्मीदें तो बस कागज़ों पर हैं, हकीकत सड़कों पर बिखरी पड़ी है। कभी कोई आकर उठा देता है, फिर अपनी रोजी रोटी के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे में अगर से स्थाई वेंडिंग जोन मिल जाए तो समस्या आधी हो जाए। इसके लिए आज भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कागज़ों के किले में दबे सपने
नई सड़क के पास गढ़ रोड पर दुकान लगाने वाले कृष्ण कुमार, प्रमोद कुमार, सोनू कुमार, दुष्यंत कुमार का कहना है कि हम लोग प्रतिदिन डर के साए में काम करते हैं। कभी भी हमें हटाया जा सकता है। यदि वेंडिंग जोन बन जाए तो हमें एक स्थायी जगह मिल जाएगी, और हम अपने बच्चों के भविष्य के लिए निश्चिंत होकर काम कर सकेंगे। 10 अगस्त को पूरे तीन साल हो जाएंगे जब हमें यहां से हटा दिया गया था। आजतक हम अपने लिए स्थाई जगह की मांग कर रहे हैं। कोर्ट से आदेश भी हो चुके हैं, इसके बावजूद कुछ नहीं हो पा रहा है।
परवान नहीं चढ़ रही योजना
चाय की दुकान लगाने वाले दुष्यंत कुमार, फूल की दुकान लगाने वाले कुंवरपाल, बोबी राजपूत और परवेश कुमार का कहना है कि जय शिव खोखा विक्रेता एसोसिएशन ने नई सड़क पर मौजूद विक्रेताओं के लिए वेंडर जोन की मांग की थी। जो तेजगढ़ी से लेकर मेडिकल तक वेंडर जोन बनाया जाना था, जहां 95 विक्रेताओं को जगह दी जानी थी। लेकिन आजतक यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। आजतक वेंडिंग जोन बनाने की प्रक्रिया का कुछ पता नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश पर वेंडिंग जोन को लेकर मेरठ में कमेटी भी बनाई गई, जिसमें दो मेंबर हैं।
वेंडिंग जोन देता है स्थायित्व
वेंडर्स का कहना है कि वेंडिंग जोन न केवल हमें एक स्थायी जगह देगा, बल्कि शहर के विकास में भी योगदान देगा। साफ-सुथरी और व्यवस्थित मार्केट से न केवल विक्रेताओं को फायदा होगा, बल्कि ग्राहकों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी। हज़ारों विक्रेताओं की यह मांग सिर्फ एक नीतिगत मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना का विषय है। उम्मीद है कि जल्द ही वेंडिंग जोन की वास्तविकता विक्रेताओं के जीवन में नई रोशनी लाएगी। एक बेहतर कल की आस में तब तक, ये अनगिनत रेहड़ी-खोमचे वाले अपने संघर्ष और उम्मीदों के साथ मेरठ की सड़कों पर अपनी आजीविका कमाते रहेंगे।
यहां कियोस्क आजतक नहीं दिए गए
सूरजकुंड पर सड़क किनारे चाट व अन्य खाने पीने के ठेले लगाने वाले लोगों का कहना है कि सूरजकुंड इलाके में भी वेंडर जोन बनाया जाना था। इसके लिए नगर निगम द्वारा कियोस्क भी बनाए गए थे, लेकिन न तो वहां वेंडिंग जोन बना और न ही किसी को कियोस्क आवंटित किए गए। आज भी चाट बेचने वाले लोग पुरानी जगहों पर ही अपना व्यवसाय चला रहे हैं, वो भी अनिश्चितता के साथ।
विक्रेताओं की भागीदारी
वेंडर्स का कहना है कि वेंडिंग जोन के स्थान चयन और विकास में विक्रेताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि उनकी आवश्यकताओं और सुझावों का समावेश हो सके। वेंडिंग जोन में बुनियादी सुविधाओं, जैसे स्वच्छता, पानी, बिजली और सुरक्षा, की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि विक्रेताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
हवा में है वेंडिंग जोन
हाईकोर्ट के आदेश पर बनाई गई वेंडर्स कमेटी के सदस्य दीपक सक्सेना का कहना है कि मुझे मेरठ में केवल एक ही वेंडर जोन के बारे में जानकारी है। वो भी नई सड़क के फूल विक्रेताओं और खोखों वालों के बारे में, जिनको तेजगढ़ी से मेडिकल तक बने वेंडिंग जोन में शिफ्ट किया जाना है। इसके अलावा सभी वेंडिंग जोन केवल कागजी हैं। उनके बारे में किसी को नहीं पता कि वो कहां हैं और कब बनाए जाएंगे।
समस्याएं
- रेहड़ी खोमचे वालों के लिए वेंडिंग जोन नहीं है
- वेंडिंग जोन के लिए असुविधाजनक स्थान होना
- नगर निगम के वेंडिंग जोन को नहीं मिल रही जगह
- सात जगह बनाए जाने थे वेंडिंग जोन, सब कागजी
- धरातल पर नहीं उतर रही वेंडिंग जोन योजना
सुझाव
- रेहड़ी खोमचे वालों के लिए वेंडिंग जोन बनाया जाए
- वेंडिंग जोन भीड़भाड़ वाली जगहों पर बनाए जाएं
- नगर निगम के वेंडिंग जोन को धरातल मिले
- जगह चिह्नित करके जल्द ही वेंडर्स को दुकान दी जाए
- वेंडिंग जोन योजना को धरातल पर उतारा जाना चाहिए
वेंडर्स की व्यथा
यहां 95 वेंडर्स को स्थाई दुकानें मिलनी थीं, हाईकोर्ट का आदेश भी हो गया, लेकिन आजतक यह नहीं पता कि वेंडर जोन में कहां मिलेंगी। - आशुतोष शर्मा
हम लोग लंबे समय से यहां दुकान लगाए हुए हैं, नगर निगम कभी भी दुकान हटा देता है। अगर स्थाई जगह मिल जाएगी तो बेहतर होगा। - कृष्ण कुमार
पिछले तीन साल से वेंडिंग जोन और स्थाई दुकान के लिए परेशान हैँ, कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक दुकानें आवंटित नहीं हुई हैं। - अरविंद कुमार
नगर निगम को निर्देशित भी किया जा चुका है, कि वेंडर्स को वेंडिंग जोन में दुकानें दी जाएं, लेकिन अभी यह नहीं पता कि कहां मिलेगी। - प्रमोद कुमार
वेंडिंग जोन के बारे में अभी किसी को जानकारी नहीं हैं, बस यही उम्मीद है कि हमें स्थाई जगह मिल जाए, जिससे हमारा रोजगार बना रहे। - सोनू कुमार
वेंडर्स के लिए कमेटी भी बनाई गई है, जो दुकानें आवंटन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी, बस उम्मीद है कि जल्द ही स्थाई दुकान मिल जाए। - दुष्यंत कुमार
पिछले बीस साल से ज्यादा समय से नई सड़क पर दुकान है, नगर निगम वाले कभी भी उठा देते हैं, एक स्थाई वेंडर जोन होना चाहिए। - कुंवरपाल सिंह
मेरठ में वेंडर जोन बनाए जाने की बातें तो होती हैं, लेकिन कहां वेंडिंग जोन बनाया जाएगा, इसके बारे में सब हवा हवाई बातें होती हैं। - बोबी राजपूत
जहां भी वेंडिंग जोन बने, वहां दुकानदारों के लिए मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिएं, ताकि दुकानदार रोजगार सुलभ तरीके से कर सके। - परवेश कुमार
मेरठ के हज़ारों विक्रेताओं की कहानी सिर्फ रोजगार की नहीं, बल्कि सम्मान और स्थिरता की भी है। वेंडिंग जोन एक स्थायी जगह देगा। - सोनू कुमार
हमें यहां से कभी भी हमें हटाया जा सकता है। वेंडिंग जोन बन जाए तो हम निश्चिंत होकर अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोच सकते हैं। - सुधीर कुमार
यह मेरठ के हज़ारों विक्रेताओं की मांग सिर्फ एक नीतिगत मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना का विषय है। जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। योगेश कुमार
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