सौर ऊर्जा से चलेगा मेरठ कॉलेज
बदलता मेरठ - 110 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयत्र का प्रस्ताव शासन के पास
50 एकड़ में फैला और 132 साल पुराना मेरठ कॉलेज जल्द ही सौर ऊर्जा से रोशन होगा। बिजली बिल का भार करने के साथ ही संसाधनों के उपयोग के लिए कॉलेज 110 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयत्र लगाने जा रहा है। कॉलेज ने शासन को सौर ऊर्जा संयत्र का प्रस्ताव भेजा हुआ है। इसी महीने कॉलेज को शासन से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। जल संरक्षण के लिए भी कॉलेज 10 रेनवाटर हार्वेस्टिंग यूनिट लगाने जा रहा है। मेरठ कॉलेज प्रशासन के अनुसार कैंपस के सभी कार्यों के लिए बिजली आपूर्ति पर ही निर्भरता है। कॉलेज में आठ हजार से ज्यादा छात्र हैं और यह 50 एकड़ में फैला कैंपस है। कॉलेज पास खुल और बिल्डिंग छतों पर्याप्त संख्या में है। ऐसे में कॉलेज 110 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयत्र शुरू करने की तैयारी में है। इस सौर संयत्र से पूरे कॉलेज कैंपस की ऊर्जा जरुरत पूरी हो सकेंगी। कॉलेज के अनुसार इस प्रस्ताव शासन को भेजा हुआ है और जल्द सहमति मिलने की उम्मीद है।
सौर ऊर्जा पर आ रहे शिक्षण संस्थान
शहर के शैक्षिक संस्थान तेजी से सौर ऊर्जा पर जा रहे हैं। सबसे पहले चौ. चरण सिंह विवि कैंपस में 11 सौ किलोवाट क्षमता का सौर संयत्र लगा था। वर्तमान में शहर के सभी बड़े इंजीनियरिंग-प्रबंधन कॉलेज, निजी विवि, प्रमुख एडेड-राजकीय कॉलेज, एडेड डिग्री कॉलेजों में सौर ऊर्जा संयत्र लगे हुए हैं। इसी कड़ी में अब सबसे पुराने मेरठ कॉलेज का नाम भी जुड़ जाएगा।
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